गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Gujarat Chief Minister Vijay Rupani) ने अचानक इस्तीफा दे दिया है. आज सुबह जब गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे तो शायद खुद उनको भी अंदाजा नहीं था कि शाम होते-होते उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा (Vijay Rupani Resigns) देना पड़ेगा. वैसे तो गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को हटाए जाने की चर्चा काफी पहले से लग रही थी लेकिन विजय रूपाणी की कुर्सी अचानक यूं चली जाएगी किसी नहीं नहीं सोचा था.
15 महीने बाद चुनाव रूपाणी के चेहरे पर चुनाव जीतना मुश्किल
विजय रूपाणी का इस्तीफे राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि विजय रूपाणी भाजपा के प्लान में फिट नहीं बैठ रहे थे. गुजरात में 15 महीने बाद चुनाव होने हैं लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने अचानक विजय रूपाणी की कुर्सी छीन ली. विजय रूपाणी के चेहरे पर चुनाव जीतना बीजेपी के लिए काफी मुश्कील नजर आ रहा था. बताया जा रहा है कि सूबे में पार्टी में उठ रहे विरोध के स्वर को देखते हुए रूपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है.
कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी बीजेपी हाई कमान
वैसे भी पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस जबरदस्त टक्कर मिली थी. राजनीति एक्सपर्ट के मुताबिक उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार यहां सत्ता परिवर्तन हो सकता है. बीजेपी ने सत्ता में रहते किसी तरह चार साल खींच लिए हैं लेकिन चुनाव अब चंद महीने बाकी है ऐसे में बीजेपी हाई कमान यहां कोई रिस्क नहीं लेना चाहती.
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वहीं राज्य में सीआर पाटिल के अध्यक्ष बनने के बाद रूपाणी के लिए मुश्किलें और बढ़ गई थीं. अमित शाह के करीबी होने के चलते रूपाणी की कुर्सी अभी तक बची हुई थी लेकिन सीआर पाटिल ने पार्टी से स्पष्ट कर दिया था कि अगर अगले साल चुनाव में बड़ी जीत हासिल करनी है तो फिर नेतृत्व परिवर्तन करना होगा.
गुजरात के बीजेपी अध्यक्ष से पटरी मेल नहीं खा रही थी
इसके अलावा इस बात की भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि विजय रूपाणी के गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटने का सबसे कारण बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल से मनमुटाव रहा. गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के बीच सही ताल मेल नहीं बैठ पा रहा था. आपसी खींचतान रूपाणी को भारी पड़ी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुातबिक, सीआर पाटिल ने पार्टी नेतृत्व के सामने इरादा जाहिर किया है कि वह प्रदेश में बड़ी जीत हासिल करना चाहते हैं. उनके इस प्लान में विजय रूपाणी फिट नहीं बैठ रहे थे. ऐसे में उन्हें रास्ता खाली करना पड़ा.
कोरोना में मिस-मैनेजमेंट ले डूबा, PM मोदी भी थे नाराज
वहीं दूसरी ओर इस बात की भी चर्चा है कि विजय रूपाणी के लिए कोरोना की दूसरी लहर भारी मुसीबत बनकर आई. कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के दौरान गुजरात में मिसमैनेजमेंट की कई खबरें बाहर आईं. खबरें ये भी रहीं कि विजय रूपाणी महामारी के दौरान राज्य को ठीक ढंग से मैनेज नहीं कर पाए. इसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुश नहीं थे.
पीएम मोदी ने नहीं किया बचाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने गृह प्रदेश में इस तरह की लापरवाही होती देख, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी ज्यादा परेशान थे. यही कारण रहा कि जब गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन करने की बात आई तो प्रधानमंत्री मोदी ने विजय रूपाणी का बचाव नहीं किया.