
नागपुर, महाराष्ट्र: नागपुर में बर्ड फ्लू का प्रकोप बढ़ चुका है और देखा जा सकता है कि इस पृष्ठभूमि में प्रशासन सतर्क हो गया है. बताया जा रहा है कि दो दिनों में 3 हजार 54 मुर्गियों को नष्ट किया गया.केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, पशुपालन विभाग और महानगर पालिका विभाग ने बुधवार 5 फरवरी शाम से प्रभावित क्षेत्र से मुर्गियों को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. दो दिनों में कुल 3 हजार 54 मुर्गियों को नष्ट किया गया है.31 जनवरी को नागपुर के ताजबाग में एक व्यक्ति के घर 3 मुर्गियां मृत पाई गईं थी.
फिर सैंपल की जांच पशुपालन विभाग द्वारा की गई और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु चिकित्सा संस्थान, आनंद नगर, भोपाल और रोग जांच विभाग, पुणे को भेजा गया. इसके बाद जांच में पता चला कि मुर्गियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है. इस रिपोर्ट के बाद प्राप्त प्राधिकरण के अनुसार, ग्रेटर ताज बाग नागपुर शहर और आसपास के एक किलोमीटर के दायरे के क्षेत्र को प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है.साथ ही प्रभावित क्षेत्र के बचे नौ किलोमीटर के दायरे को निगरानी क्षेत्र घोषित किया गया है. साथ ही, इस क्षेत्र में सभी पोल्ट्री पक्षियों और संबंधित फ़ीड और अंडों के वैज्ञानिक निपटान के लिए रैपिड एक्शन टीम को आदेश जारी किए गए हैं.ये भी पढ़े:Bird Flu in Latur: लातूर में पक्षियों में फैला बर्ड फ्लू, उदगीर शहर में 50 कौवों की मौत, जांच में सामने आई जानकारी
3,054 मुर्गियों को किया नष्ट
राज्य पशुपालन विभाग और नगर निगम स्वास्थ्य विभाग ने ग्रेटर ताज बाग क्षेत्र में मुर्गियों की गिनती और खत्म की प्रक्रिया शुरू कर दी है.पहले दिन दो हजार मुर्गियों को नष्ट करने के बाद दूसरे दिन वैज्ञानिक विधि से एक हजार मुर्गियों को नष्ट किया गया. दो दिनों में ऐसी कुल 3,054 मुर्गियों का निस्तारण किया गया है. इसके अलावा 180 अंडे और 1 हजार किलो खाना नष्ट कर दिया गया है.
दुसरे पक्षियों के भी लिए सैंपल
इस क्षेत्र में अन्य पक्षियों में 'बर्ड फ्लू' फैलने से रोकने के लिए दस किलोमीटर के क्षेत्र को निगरानी क्षेत्र घोषित किया गया है. क्षेत्र से अन्य पक्षियों के नमूने भी एकत्र किए जा रहे हैं और परीक्षण के लिए पुणे की नेशनल वायरोलॉजी लैब में भेजे जा रहे हैं.बताया जा रहा है कि तीन पक्षियों के अलावा कहीं और 'बर्ड फ्लू' का संक्रमण होने की बात सामने नहीं आई है.प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर सर्वेक्षण किया जा रहा है और मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा जैसे रोगियों की खोज की जा रही है और आवश्यकतानुसार नमूने प्रयोगशाला में भेजे जा रहे हैं.स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपक सेलोकर ने अपील की, 'सभी निजी अस्पतालों और चिकित्सा पेशेवरों को 'आईएलआई' और 'सारी' रोगियों की जानकारी महानगार पालिका विभाग को देनी चाहिए. ऐसी अपील स्वास्थ अधिकारी डॉ. दीपक सेलोकर ने ये जानकारी दी.
अपने आपकी ऐसे करें सुरक्षा
उत्सर्जन के संपर्क से बचें, पक्षी को खाना देने के बाद उसके बर्तनों को स्वच्छ धोना, अगर मुर्गी मर चुकी है तो इसे खुले से हाथों से स्पर्श न करें. कच्चा चिकन का इस्तेमाल करते हुए ग्लव्स का इस्तेमाल करना चाहिए 100 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ही मांस का प्रयोग करें.कच्चा चिकन, कच्चे अंडे खाने से बचें.इसके अलावा, बीमार दिखने वाले और सुस्त पक्षियों के संपर्क में न आएं.