Ayushman Bharat Health Account: डिजिटल रूप से उपलब्ध, स्वास्थ्य रिकॉर्ड के साथ, लोग आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ( एबीडीएम ) के तहत कागज रहित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैंराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ( एनएचए ) ने अपनी प्रमुख योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ( एबीडीएम ) के तहत डिजिटल रूप से जुड़ी स्वास्थ्य इकोसिस्टम के निर्माण में एक और बड़ी उपलब्धि अर्जित कर ली है. 25 करोड से अधिक लोगों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड उनके आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता ) से लिंक कर दिए गए हैं. इन रिकॉर्ड को एबीडीएम सक्षम किसी भी स्वास्थ्य ऐप्स का उपयोग करते हुए लोग आसानी से ऐक्सेस और प्रबंधित कर सकते हैं। डिजिटल रूप से उपलब्ध, स्वास्थ्य रिकॉर्ड एबीएचए ( आभा ) धारकों को पूरे एबीडीएम नेटवर्क के तहत कागज रहित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम बनाएंगे.
व्यक्ति अस्पतालों, क्लिनिक्स, डायगनोस्टिक लैब्स आदि जैसी विभिन्न स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में अपने रिकॉर्ड को एक्सेस करने के लिए अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड ( पीएचआर ) ऐप्स का उपयोग कर सकते हैं और उन्हें ऐप में स्टोर कर सकते हैं। वे एबीडीएम नेटवर्क पर सत्यापित स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ अपने संबंधित रिकॉर्ड को साझा कर सकते हैं। यह सुरक्षित तरीके से रिकॉर्ड को पूरी तरह कागज रहित आदान प्रदान में सक्षम बनाता है और भौतिक रूप से चिकित्सा दस्तावेजों को खोजने की पेरशानियों या पुराने रिकॉर्ड के खो जाने की चिंता को समाप्त कर देता है. स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को रोगी के इतिहास की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने में सहमति मिलती है जिससे उन्हें बेहतर नैदानिक निर्णय लेने में सहायता प्राप्त होती है. यह भी पढ़े: Ayushman Bharat Mission की बड़ी उपलब्धि, स्कैन और शेयर सेवा के जरिए एक लाख से अधिक रोगियों ने कराया OPD रजिस्ट्रेशन
इस बड़ी उपलब्धि के महत्व की चर्चा करते हुए, एनएचए के सीईओ ने कहा, ‘‘ भौतिक रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण एक अंतर पारस्परिक और सुलभ स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम का निर्माण करने के लक्ष्य के लिए महत्वपूर्ण है. जिस गति से स्वास्थ्य रिकॉर्ड को आभा लिंकिंग के जरिये अधिक सुलभ बनाया जा रहा है, वह सभी हितधारकों के लगन तथा अंतरनिहित प्रौद्योगिकी की मजबूती और मापनीयता को इंगित करती है. एबीडीएम का उद्वेश्य बहुसंख्यक हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयासों के साथ अर्जित किया जा सकता है जो सभी प्रकार के रोगियों को लाभ प्रदान करता है.
आभा से लिंक्ड स्वास्थ्य रिकॉर्ड के महत्व पर और अधिक विस्तार से बताते हुए एनएचए के सीईओ ने कहा, ‘‘ रोगियों को उनके रिकॉर्ड तक आसान पहुंच और चयनित रिकॉर्ड को साझा करने के विकल्प के साथ सशक्त बनाया गया है. इससे आरंभिक या अनुवर्ती परामर्शों के लिए भौतिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केंद्रों तक यात्रा करने की आवश्यकता खत्म हो जाती है. रोगियों/व्यक्तियों के केंद्र में रहने के कारण, हम विभिन्न अनुप्रयोगों और मंचों पर सूचनाओं का सरल आदान प्रदान करने में सक्षम बना रहे हैं, और इस प्रकार स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की प्रदायगी में अधिक दक्षता और सुगम्यता ला रहे हैं.
राज्य/केंद्र शासित स्तर पर सक्रिय भागीदारी के साथ स्वास्थ्य रिकॉर्ड की डिजिटल तरीके से लिंकिंग में अत्यधिक प्रगति हो रही है। पिछले 40 दिनों में, आभा से जुड़े स्वास्थ्य रिकॉर्ड की संख्या 4 करोड़ ( 18 जनवरी, 2023 तक ) से बढ़ कर 25 करोड़ ( 27 फरवरी, 2023 तक ) तक पहुंच गई है. स्वास्थ्य रिकॉर्ड लिंकेज को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ( एबी पीएम-जेएवाई ) के साथ आभा के एकीकरण के जरिये बहुत बढ़ावा मिला। आभा के साथ 9.8 करोड़ से अधिक एबी पीएम-जेएवाई स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़े जाने के साथ, स्कीम के लाभार्थियों को पोर्टेबल और डिजिटल रिकॉर्ड प्राप्त हो जाते हैं ज्निहें वे सुरक्षित तरीके से ऑनलाइन रूप से एक्सेस और साझा कर सकते हैं.
इसके अतिरिक्त, आंध्र प्रदेश सरकार के तहत अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत कोविन और प्रजनन तथा बाल स्वास्थ्य ( आरसीएच स्कीम ), एनआईसी द्वारा ई-हास्पिटल, सीडीएसी द्वारा ई-सुश्रुत तथा गुजरात सरकार द्वारा टेको अन्य प्रमुख स्कीम/प्लेटफॉर्म हैं जो डिजिटल तरीके से संबंधित लाभार्थियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को लिंक कर रहे हैं. उपरोक्त सरकारी कार्यक्रमों के अतिरिक्त, ओरबी हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, हिताची एमजीआरएम नेट लिमिटेड, ड्रिफकेस हेल्थ-टेक प्राइवेट लिमिटेड, कारकिनोस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, पेटीएम मिनी तथा बजाज फिनसर्व हेल्थ जैसी विभिन्न निजी कंपनियां भी आभा लिंक्ड स्वास्थ्य रिकॉर्ड में योगदान दे रही हैं.