सरकार की निजीकरण नीति के खिलाफ तीन फरवरी को ‘कार्य बहिष्कार’ करेंगे 15 लाख बिजलीकर्मी
हड़ताल, प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

केंद्र की निजीकरण नीति के खिलाफ अपने विरोध-प्रदर्शन को तेज करते हुए 15 लाख बिजली कर्मचारी तीन फरवरी को ‘कार्य बहिष्कार’ करेंगे. ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (All India Power Engineers Federation) (एआईपीईएफ) ने रविवार को यह जानकारी दी. एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने वर्चुअल सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को भी यूनियन और राज्य सरकारों को भेजे नोटिस के बारे में पत्र के जरिये जानकारी दी गई है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मौजूदा रूप में बिजली (संशोधन) विधेयक स्वीकार्य नहीं है.

सरकार पर दबाव बनाने के लिए फेडरेशन ने इससे पहले बैठकें की थीं और सांकेतिक कार्य बहिष्कार किया था. एआईपीईएफ के चेयरमैन ने कहा कि यदि सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने सुधारों के नाम पर जो कदम उठाए हैं उनसे बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का संकट बढ़ गया है. यह भी पढ़े: Union Budget 2021-22: केंद्रीय बजट से पहले जानें मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब, रीबेट्स और 2020-21 आयकर दरों की करें जांच

उन्होंने कहा कि आगरा, ग्रेटर नोएडा और ओडिशा में निजीकरण विफल हो गया है, लेकिन सरकार डिस्कॉम से व्यावहारिक पहलुओं पर जानकारी लिए बिना आगे बढ़ रही है. दुबे ने कहा कि सरकार सुधारों के नाम पर निजी क्षेत्र का हित पूरा कर रही है और सार्वजनिक क्षेत्र को खत्म कर रही है.

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