TRP Scam Case: सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी से हाईकोर्ट जाने को कहा, ARG मीडिया द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट और अर्नब गोस्वामी (Photo Credits-PTI and Facebook)

नई दिल्ली, 18 दिसंबर : सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को एआरजी आउटलेयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसे गणतंत्र मीडिया नेटवर्क के मालिक की ओर से दायर किया गया है. याचिका में मुक्त भाषण पर अंकुश लगाने के लिए एक 'औपनिवेशिक युगीन कानून' को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) स्थानांतरित करने के लिए कहा. प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे और अध्यक्षता वाली जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और वी.रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा, कार्रवाई का पूरा कारण महाराष्ट्र में उत्पन्न हुआ, इसलिए याचिकाकर्ता से पूछा कि वह उच्च न्यायालय में जाने के बजाय शीर्ष अदालत में क्यों आया है.

पुलिस संगठन की वैधता को चुनौती देने वाले मीडिया संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी की. साल 1922 में मुंबई पुलिस ने कथित तौर पर पुलिस सेवा को बदनाम करने और प्रयास करने के आरोप में समाचार चैनल और उसके कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. पुलिस के सदस्यों के बीच असंतोष पैदा करने के लिए. विशेष शाखा के उप-निरीक्षक द्वारा दायर शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था.

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मीडिया कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ भटनागर ने दलील दी कि बोलने की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए औपनिवेशिक युग के कानून का इस्तेमाल किया जा रहा है. रिपब्लिक टीवी ने एफआईआर को मीडिया अधिकारों पर हमला बताया था. याचिका पर विचार करने की घोषणा करते हुए, पीठ ने उसे बताया कि वह बंबई उच्च न्यायालय में क्यों नहीं गया, जबकि भटनागर ने जोर दिया कि शीर्ष अदालत को इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए.