मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर (Miss World Manushi Chillar) को लेकर एक बेहद अहम खबर मीडिया में सुनने को मिली है. बताया जा रहा है कि मानुषी के डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए नियमों के साथ खिलवाड़ करते हुए उसे ताक पर रखा गया. मानुषी बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज खानपुर, सोनीपत (Bhagat Phool Singh Women’s College) से अपनी एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई कर रही थी. लेकिन बाद में उन्होंने मिस वर्ल्ड 2017 प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपनी मेडिकल की पढ़ाई से ब्रेक ले लिया.
2017 में उन्होंने मिस वर्ल्ड का खिताब जीतकर दुनियाभर में अपना नाम रोशन किया. इसके बाद वो अपने पूरे परिवार के साथ मुंबई शिफ्ट हो गई. अब वो मुंबई से ही अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी करना चाहती हैं. इसके लिए उनके पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी, रोहतक (Pandit BD Sharma University, Rohtak) ने उन्हें नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC Certificate) भी जारी कर दिया.
कॉलेज के इस फैसले के बाद अब बखेड़ा खड़ा हो चूका है क्योंकि आरोप लगाया जा रहा है कि मानुषी के लिए कॉलेज ने नियमों को ताक पर रखा. इसी के साथ ये भी कहा जा रहा है कि कॉलेज ने मानुषी के फेवर में फैसला लेते हुए अन्य छात्रों के साथ भेदभाव किया है. ये भी कहा गया कि एक कश्मीरी छात्र ने जब इस तरह की मांग की तो उसे पूरा नहीं किया गया लेकिन मानुषी के केस में उनकी तरफदारी की गई.
जानकारी दी गई कि मानुषी ने बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज से अपने कोर्स का प्रॉस पूरा कर लिया था. इसके बाद उन्हें ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लेने चली गईं और उनका दूसरा प्रॉस अधूरा रह गया. बाद में मानुषी ढाई साल तक कॉलेज नहीं आई और साथ ही उनके दूसरे प्रॉस की परीक्षा भी अधूरी रह गई. आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने मानुषी को एनओसी लैटर देने से पहले समिति की बैठक नहीं की और ना ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से इजाजत ली.
अब कॉलेज के फैसले के बाद सरकार को भी नुक्सान सहना पड़ सकता है. दरअसल, मानुषी की फाइल पर अनुमति की मुहर लगते हुए उसे पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी रोहतक के रजिस्ट्रार के पास भेज दी गई जहां रजिस्ट्रार ने मानुषी को एनओसी भी जारी कर दिया. इसके बाद अब कॉलेज में मानुषी की सीट खाली हो गई है लेकिन अन्य कोई भी छात्र उसमें एडमिशन नहीं ले पाएगा. अब तक 3 साल का समय बीत चूका है और सीट खाली रहने के चलते सरकार को फीस का नुक्सान सहना पड़ेगा.
इस मामले में पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉक्टर. एचके अग्रवाल का कहना है कि मानुषी को कॉलेज से 15 दिन पहले एनओसी जारी किया गया. वो मुंबई के किसी कॉलेज में एडमिशन लेना चाहती हैं. ये स्पेशल केस बनकर उनके पास आया था. उनकी फाइल पर बीपीएस कॉलेज प्रशासन ने नो ऑब्जेक्शन लिखकर भेजा था जिसके आधार पर उन्हें एनओसी दिया गया.