The Accidental Prime Minister Movie Review: अक्षय खन्ना और अनुपम खेर की लाजवाब एक्टिंग, दूसरा हाफ है थोड़ा कमजोर
फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' का रिव्यू

अनुपम खेर (Anupam Kher) की फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' (The Accidental Prime Minister) में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के कार्यकाल को दर्शाया गया है. यह फिल्म संजय बारू (Sanjaya Baru) द्वारा लिखी गई इसी नाम की किताब पर आधारित है. पत्रकार संजय बारू 2004 से 2008 के बीच मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार थे. अक्षय खन्ना (Akshaye Khanna) ने इस फिल्म में संजय बारू का किरदार बखूबी निभाया है. उनका अभिनय काफी दमदार है. साथ ही उनका बोलने का अंदाज दर्शकों का दिल जीत लेगा. अनुपम खेर ने भी मनमोहन सिंह के किरदार के साथ पूरा न्याय किया है. फिल्म का पहला हाफ मनोरंजन करने में सफल होता है. साथ ही पहला हाफ देखने के बाद दर्शकों को अहम जानकारी भी मिलेगी. पहले हाफ में अमेरिका और भारत के बीच हुई न्यूक्लियर डील के बारे में बताया गया है लेकिन दूसरे हाफ में फिल्म का उद्देश्य कुछ समझ नहीं आता. ऐसा लगता है मानो किसी एक पार्टी को टारगेट किया जा रहा है.

कहानी: पूरी फिल्म में डॉक्टर मनमोहन सिंह के दोनों कार्यकालों को दिखाया गया है. शुरुआत में बताया जाता है कि किस तरह सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) 2004 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री पद त्याग देती हैं. इसके बाद डॉक्टर मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बनते हैं. पहले हाफ में अमेरिका और भारत के बीच हुई न्यूक्लियर डील के बारे में जानकारी दी गई है. फिल्म में बताया गया है कि मनमोहन सिंह को इस डील के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. दूसरे हाफ में पूर्व प्रधानमंत्री के दूसरे कार्यकाल को दर्शाया गया है. उनके सेकंड टर्म में कई घोटाले सामने आए थे और इस वजह से उनकी छवि को नुकसान पंहुचा था. इस फिल्म में यह दिखाया गया है कि दूसरों की गलतियों की वजह से पूर्व प्रधानमंत्री को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. जहां 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' का पहला हाफ काफी बढ़िया है, वहीं दूसरा हाफ कमजोर साबित होता है.

निर्देशन: विजय रत्नाकर गुट्टे का निर्देशन कहीं जगहों पर फीका लगता है. फिल्म में कुछ ऐसे दृश्य भी हैं जिनकी जरुरत ही नहीं थी. बतौर निर्देशक यह विजय की पहली फिल्म है. 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' जैसी फिल्म को डायरेक्ट करने के लिए शायद थोड़े अनुभव की आवश्यकता थी.

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अभिनय: अक्षय खन्ना की लाजवाब परफॉर्मेंस ही इस फिल्म की जान है और उनकी वजह से ही फिल्म देखने में काफी मजा आता है. ऐसा लगता है कि पूरी फिल्म के दौरान अक्षय खन्ना ही ड्राइविंग सीट पर बैठे हैं. अनुपम खेर ने भी अपना किरदार बखूबी निभाया है. अहाना कुमरा (प्रियंका गांधी) और अर्जुन माथुर (राहुल गांधी) को स्क्रीन पर देखने का ज्यादा मौका नहीं मिलता है. अभ‍िनेत्री सुजैन बर्नट ने सोनिया गांधी के किरदार को निभाने की पूरी कोशिश की है लेकिन उनका अभिनय ज्यादा प्रभावित नहीं करता है.

फिल्म की खूबियां:

1. अक्षय खन्ना की जबरदस्त परफॉर्मेंस

2. अनुपम खेर का अभिनय

फिल्म की खामियां:

1. कमजोर निर्देशन

2. अटपटा बैकग्राउंड स्कोर

3. सेकंड हाफ में एक पार्टी को टारगेट किया जाना काफी अजीब लगता है.

कितने स्टार्स ?

पूर्ण रूप से देखा जाए तो अनुपम खेर और अक्षय खन्ना की फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' एक एवरेज फिल्म साबित होती है. इस फिल्म को हम 2.5 स्टार्स देना चाहेंगे.

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