Ramrajya Movie Review: परंपरागत कहानी को फिल्मी ताने बाने के साथ पेश करती है ये अद्भुत स्टोरी
रामराज्य मूवी रिव्यू (Photo Credits: File Photo)

फिल्म: रामराज्य

कास्ट: अमनप्रीत सिंह, शोभिता राणा, सलमान शेख़, संदीप भोजक, गोविंद नामदेव, राजेश शर्मा, शाश्वत प्रतीक

निर्माता: प्रबीर सिन्हा

लेखक:शिवानंद सिन्हा

निर्देशक: नितेश राय

रेटिंग्स: 3 स्टार्स

पारिवारिक कहानी में नयापन

फिल्म की कहानी उत्तर भारत के एक में सेट की गई है जहां लकी (अमनप्रीत सिंह) अपनी अपने भाग्यशाली होने कहानी दोस्त को सुनाता है. लकी के पिता महंगाई और बेरोजगारी के चलते अपने पांचवें संतान यानी कि उसे जन्म नहीं देना चाहते थे लेकिन लकी की मां को उनके आध्यात्मिक गुरु बताते है कि जन्म लेने वाला बच्चा बहुत भाग्यशाली होगा.लकी के जन्म लेते है उसके पिता को एक बड़ी कम्पनी में काम मिलता है साथ ही दोस्त को दिया पैसा ब्याज के साथ वापस मिलता है. शहर में हिंदू मुस्लिम दंगे के बीच लकी की मन उसे अच्छी शिक्षा और सुरक्षा के लिए उसके नाना के साथ शहर भेज देती है. यहां भी लकी दंगे की चपेट में आ जाता है और अपने नाना को खो देता है.बेसहरा लकी को गुरुजी ( गोविंद नामदेव) अपने साथ शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा देते है और समाज में अन्याय के खिलाफ लड़ाई के लिए आशीर्वाद भी देते हैं. लकी की रामराज्य लाने के इस सफर में तब चौकाने वाला मोड़ आ जाता है जब उसका भाई निर्भय (संदीप भोजक) कुछ लोगों को धोखा देकर भाग गया है निर्मय ने किसानों , और कॉलेज के बच्चों को धोखा दिया है लेकिन इन सब के पीछे बड़ी साजिश है स्थानीय विधायक एम पी शुक्ला और उसके भाई मोहित शुक्ला के अपने राजनैतिक चेहरे है सबको न्याय दिलाने के संकल्प में लकी के संघर्ष का अंत क्या है इसके लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी.

अभिनय

फिल्म में सभी कलाकारों ने बढ़िया परफॉर्मेंस दिया है. अभिनेता अमनप्रीत की यह डेब्यू फिल्म है. एक्टिंग के मामले में अपनी बहन रकुलप्रीत के मुकाबले उनमें अभी उनके अंदर परिपक्वता की अभी कमी है.सपना के किरदार में शोबिता राणा बहुत ही उमदा परफॉर्मेंस देती दिखी. लकी के बड़े भाई निर्भय के किरदार में संदीप भोजक ने बहुत प्रभावशाली अभिनय किया है. फिल्म में अबरार ( सलमान शेख) का अभिनय स्वाभाविक है. फिल्म में अतिथि भूमिका में शास्वत प्रतीक भी प्रभावशाली लगे है.मुश्ताक़ शेख की कामिक टायमिग गुदगुदाती है.

क्या है विशेष

एक लम्बे समय के बाद जमान से जुड़ी कहानी को फिल्मी रूपरेखा के साथ ढालने का प्रयास मेकर्स ने किया है. हिंदू मुस्लिम दंगे झगड़े पर कई फिल्में बनी है लेकिन यह पहली फिल्म है जो इस समुदाय के भाई चारे को एक नए प्रकाश में दिखाती है आज राजनैतिक उद्देश्य, सामाजिक भेदभाव और धार्मिक अलगाव के अंधेरे में रामराज्य आशा की एक सुनहरी किरण दिखाती है