Life is Good Movie Review: कास्ट: जैकी श्रॉफ, रजीत कपूर, मोहन कपूर, अंकिता श्रीवास्तव, दर्शन जरीवाला, सुनीता सैन गुप्ता, नकुल रोशन सहदेव, सानंद वर्मा
निर्देशक : अनंत महादेवन
निर्माता : आनंद शुक्ला
कहानी: खूबसूरत पहाड़ियों के बीच छोटे से गांव स्थित रामेश्वर (जैकी श्रॉफ़) और मिष्टी के बीच इमोशनल अटैचमेंट की कहानी है ये फिल्म. रामेश्वर अपनी मां को खो चुका है जिससे वह बेहद प्रेम करता था. मां की मौत ने अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली और उसे पूरी तरह से अकेला छोड़ दिया. हर वक्त उसे मां की कमी महसूस होती है. मां के जाने के बाद रामेश्वर पूरी तरह से अकेला हो जाता है. वह अपनी पत्नी और बच्चे को भी खो चूका हिया जिसके चलते वो डिप्रेशन का शिकार हो जाता है. अपनी जिंदगी का अंत करने का ख्याल रखने वाले रामेश्वर की लाइफ तब बदलती है जब मिष्टी नाम की एक छोटी बच्ची उसके जीवन में आती है. उस बच्ची के चलते वो अपनी जिंदगी की एक नई शुरुआत करता है और ये कहानी नया मोड़ लेती है.
अभिनय: ये फिल्म जैकी श्रॉफ की सबसे इमोशनल फिल्मों में से एक है. उनके अभिनय में कई रंग देखने को मिलते हैं. जैकी इस किरदार को बहुत ही बारीकी से पर्दे पर उतारते हैं. पोस्टमास्टर के किरदार में रजीत कपूर ने अपने किरदार में व्यावहारिक कठोरता दर्शाई है. वो रामेश्वर को समझाते हैं और उसका साथ देते हैं. मिष्टी के किरदार में सानिया, अनन्या और अंकिता ने नेचुरल एक्टिंग से इम्प्रेस किया है.
फाइनल टेक: निर्देशक अनंत महादेवन ने एक बेहद ही सेंसिटिव कहने को फिल्म के रूप में पेश किया है. इस बार 'लाइफ इज गुड' के जरिये एक बार फिर उन्होंने दर्शकों के लिए एक अच्छी फिल्म प्रस्तुत की है . फिल्म की कहानी में घटनाओं से ज्यादा इमोशनल सीन्स हैं जिसे पर्दे पर दर्शाने करने में अनंत महादेवन सफल रहते हैं. एक बेहद गंभीर विषय पर फिल्म बनाते हुए वह बीच बीच में दर्शकों को गुदगुदाया है और कामेडी के लिए उन्हें किसी फिमी मसाले की जरूरत नहीं पड़ती हैं . बढ़िया संगीत, सुरम्य पहाड़ियों, एक सधे अभिनय से सजी फिल्म लाइफ इज गुड बड़े पर्दे पर देखने वाली फिल्म है.