Jatadhara Movie Review: डर और आस्था का अलौकिक संगम है सोनाक्षी सिन्हा स्टारर ‘जटाधारा’
Jatadhara Poster (Photo Credits: Instagram)

Jatadhara Movie Review: 'जटाधारा' (Jatadhara) महज एक हॉरर फिल्म नहीं, बल्कि एक पौराणिक थ्रिलर है जो सदियों पुराने विश्वास और आधुनिक अन्वेषण का मिश्रण है. कहानी एक ऐसे गांव के इर्द-गिर्द घूमती है जहां एक शापित घर में ख़ज़ाना छिपा है, जिसकी पहरेदारी एक दुर्जेय धनपिशाचिनी (सोनाक्षी सिन्हा) करती है. यह पिशाचिनी लालची मनुष्यों से बलि लेकर अपने धन की रक्षा करती है, और जब बलि कम पड़ती है, तो वह विनाशकारी बन जाती है. इस अंधकार का सामना करने आता है शिवा (सुधीर बाबू), एक ऐसा व्यक्ति जिसे शुरू से ही अलौकिक शक्तियों की खोज का जुनून है. शिवा शुरू में तर्क और सबूतों पर विश्वास करता है, लेकिन धीरे-धीरे उसे यह अहसास होता है कि उसका जन्म ही इस दैवीय आतंक को समाप्त करने के लिए हुआ है. महादेव की कृपा से, शिवा उस पिशाचिनी को पूर्ण रूप से ख़त्म तो नहीं कर पाता, लेकिन अपनी दैवीय शक्तियों से उसे नियंत्रित कर लेता है. यह फ़िल्म दिखाती है कि जब बुराई अपनी चरम सीमा पर होती है, तो श्रद्धा और आस्था ही एकमात्र कवच बनते हैं. यह भी पढ़ें: Border-2: रिवील हुआ वरुण धवन का पहला लुक, मेजर होशियार सिंह दहिया बनकर करेंगे दुश्मनों का सफाया

अभिनय: सुधीर बाबू ने शिवा के किरदार में अपने अभिनय का शानदार संतुलन दिखाया है. उनका संशयवादी से श्रद्धालु बनने का परिवर्तन बहुत ही सहज और प्रभावशाली है. उनकी आंखों में तर्क की जिज्ञासा और बाद में भक्ति की विनम्रता स्पष्ट नजर आती है, जो फ़िल्म के भावनात्मक कोर को मजबूती देती है. लेकिन शो चुरा ले जाती हैं सोनाक्षी सिन्हा अपने तेलुगु डेब्यू में, धनपिशाचिनी के रूप में. उनका यह किरदार भयावह और साथ ही करुणा से भरा है. उनके चेहरे की पीड़ा और एक त्रासदीपूर्ण देवी का उनका रूपांतरण रोंगटे खड़े कर देता है. वह भय और दया, दोनों भावनाओं को एक साथ जगाती हैं. दिव्या खोसला, शिल्पा शिरोडकर और इंदिरा कृष्णा ने भी अपने किरदारों में आवश्यक गरिमा और भावनात्मक गहराई जोड़ी है.

जटाधारा ट्रेलर

म्यूजिक: राजीव राज का संगीत इस फ़िल्म की आत्मा है. उन्होंने शास्त्रीय रागों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक बीट्स के साथ मिलाकर एक ऐसा आध्यात्मिक साउंडस्केप तैयार किया है जो दृश्यों के साथ पूर्ण सामंजस्य बिठाता है. ‘शिव स्तोत्रम" और 'पल्लू लटके अगेन' गीत न केवल सुंदर हैं, बल्कि कहानी को आगे बढ़ाने में भी सहायक होते हैं.

फिल्म: जटाधारा

कास्ट: : सुधीर बाबू, सोनाक्षी सिन्हा, दिव्या खोसला, शिल्पा शिरोडकर, इंदिरा कृष्णा, राजीव कनकाला, रवि प्रकाश, झांसी, सुभलेखा सुधाकर

रनटाइम: 2 घंटे 15 मिनट

निर्देशक: वेणकट कल्याण और अभिषेक जायसवाल

निर्माता: एसकेजी एंटरटेनमेंट और जी स्टूडियोज

रेटिंग: 3 स्टार्स

कन्क्लूजन: 'जटाधारा' एक साहसी प्रयास है जो हॉरर के स्थापित फॉर्मूले से हटकर पौराणिक तत्वों और आध्यात्मिक यात्रा को सामने लाता है. यह आपको सिर्फ डराती नहीं है, बल्कि आपको विश्वास करने, सोचने और महसूस करने के लिए मजबूर करती है. यह एक रहस्यमय, विजुअल रूप से भव्य और आत्मिक रूप से झकझोर देने वाली यात्रा है, जहाँ देवत्व और दानवता एक साथ नृत्य करते हैं.