बिहार में 62 फीसदी से अधिक मतदाताओं का मानना है कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की रहस्यमयी मौत को लेकर बस राजनीति हो रही है. शनिवार को जारी बिहार राज्य चुनावों पर एबीपी सी-वोटर जनमत सर्वेक्षण के मुताबिक, 62.4 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर सिर्फ राजनीति हो रही है, जबकि 37.6 फीसदी लोगों ने इस पर सहमति नहीं जताई है.
मगध-भोजपुर, मिथिलांचल, सीमांचल और उत्तरी बिहार जैसे बिहार के राजनीतिक क्षेत्रों में सुशांत की मौत के राजनीतिकरण पर 62 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने सहमति व्यक्त की है, जबकि पूर्वी बिहार में इससे कम 53.4 फीसदी ने इस पर हामी भरी. सुशांत की मौत और उसके बाद की जांच को बिहार में एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में देखा गया, जिसमें कई राजनेता सक्रिय रूप से इस मुद्दे पर शामिल हुए. अभिनेता की मौत पर सीबीआई की जांच जारी है और बिहार सहित कई अन्य जगहों में भी उन्हें न्याय दिलाने की गुहार ने एक अभियान का रूप ले लिया है. यह भी पढ़े: Arbaaz Khan Defamation Case: एडवोकेट विभोर आनंद हुए गिरफ्तार, सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस में घसीटा था अरबाज खान का नाम
यह सर्वेक्षण 1 से 23 अक्टूबर के बीच 30,678 लोगों पर किया गया. पिछले 12 हफ्तों में सैंपल टेस्टिंग का दायरा 60,000 से अधिक रहा. इस कार्यप्रणाली में सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों को समेटा गया और इसमें राज्य स्तर पर तीन प्रतिशत कम या ज्यादा, जबकि क्षेत्रीय स्तर पर पांच फीसदी कम या ज्यादा त्रुटि होने की संभावना है. आंकड़ों का आंकलन जनगणना प्रोफाइल के आधार पर किया जाता है, जिसमें पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मतदानों के अलावा भिन्न लिंग, आयु, शिक्षा, ग्रामीण / शहरी, धर्म और जाति के लोगों को शामिल किया जाता है. यह भी पढ़े: #IndiaRejectBollywood Trending on Twitter: सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस फाइल जल्द बंद होने की खबर सुनकर भड़के फैंस, ट्विटर पर बॉलीवुड का किया विरोध
सर्वेक्षण के मुताबिक, एनडीए को सहजता से स्पष्ट बहुमत के साथ बिहार की सत्ता में वापस आते देखा जा सकता है. इसमें सबसे रोचक मोड़ यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू से भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है. आज एबीपी-सीवीओटर द्वारा जारी बिहार राज्य चुनावों के जनमत सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए जिसमें जदयू और भाजपा का गठबंधन शामिल है, को विधानसभा चुनाव में 135-159 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत मिलेगा. सर्वेक्षण के मुताबिक, 73-81 सीटों के साथ भाजपा विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी साबित होगी, जबकि जदयू को 59-87 के बीच सीटें मिलेंगी.