उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अमेरिका पर कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव और उकसावे को बढ़ाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह इलाका अब तक के सबसे बड़े परमाणु युद्ध के खतरे का सामना कर रहा है. शुक्रवार को उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA ने उनकी टिप्पणी को सार्वजनिक किया.
परमाणु युद्ध का सबसे बड़ा खतरा
प्योंगयांग में आयोजित एक सैन्य प्रदर्शनी के दौरान किम ने कहा, "कोरियाई प्रायद्वीप पर संघर्षकारी पक्ष कभी भी इतनी खतरनाक और तीव्र टकराव की स्थिति में नहीं आए, जो सबसे विनाशकारी थर्मोन्यूक्लियर युद्ध में बदल सकती है." किम ने आगे यह भी कहा कि अमेरिका के साथ उनकी पिछली बातचीत से यह स्पष्ट हो गया है कि वॉशिंगटन का रवैया आक्रामक और शत्रुतापूर्ण है, जिसमें बदलाव की कोई संभावना नहीं है.
अमेरिका-उत्तर कोरिया वार्ता का इतिहास
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान 2018 और 2019 में किम और ट्रंप ने तीन ऐतिहासिक बैठकें कीं. हालांकि, ये वार्ताएं किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाईं. अमेरिका ने उत्तर कोरिया से परमाणु हथियारों को छोड़ने की मांग की थी, जबकि किम ने आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने पर जोर दिया. हालांकि, ट्रंप ने यह दावा किया था कि उनके और किम के बीच संबंधों ने "लाखों लोगों की मौत वाले परमाणु युद्ध" को रोका.
North Korea's Kim accuses US of stoking tension, warns of nuclear war https://t.co/gzlxb0ASR1 pic.twitter.com/NctQvJtPo4
— Reuters (@Reuters) November 22, 2024
आधुनिक हथियारों पर जोर
अपने भाषण में किम ने अल्ट्रा-आधुनिक हथियार विकसित करने और उत्तर कोरिया की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की बात कही. उन्होंने इस रणनीति को देश की "रणनीतिक स्थिति" को बढ़ाने के लिए आवश्यक बताया.
रूस के साथ बढ़ता सहयोग
हाल के दिनों में, उत्तर कोरिया और रूस के बीच गहरी सैन्य साझेदारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचना तेज हो गई है. रिपोर्टों के अनुसार, उत्तर कोरिया ने 10,000 से अधिक सैनिक रूस भेजे हैं ताकि वह यूक्रेन युद्ध में मदद कर सके.
अमेरिकी तनाव के लिए जिम्मेदार
पिछले सप्ताह किम ने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर तनाव को "इतिहास के सबसे बुरे दौर" तक पहुंचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप को "दुनिया का सबसे बड़ा संकट क्षेत्र" करार दिया.
किम जोंग उन का यह बयान वैश्विक राजनीति में गहराते तनाव को दर्शाता है. कोरियाई प्रायद्वीप और वैश्विक सुरक्षा के लिहाज से यह बयान चिंताजनक है. किम के अनुसार, उत्तर कोरिया अपनी सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक हथियारों का निर्माण जारी रखेगा.
यह घटनाक्रम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए संकेत है कि उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तनाव और बढ़ सकता है. विश्व नेताओं के लिए इस मुद्दे को शांतिपूर्ण समाधान की ओर ले जाना अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.