धोखाधड़ी मामले में सजा काट रहे राजपाल यादव अब तिहाड़ जेल में कर रहे हैं कॉमेडी
राजपाल यादव (Photo Credits: Still Images)

राजपाल यादव (Rajpal Yadav) को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने 5 करोड़ का कर्ज लेकर न चुका पाने के चलते हाल ही में ३ महीने जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद से ही तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में राजपाल तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं. खबर आई है कि अपनी फिल्मों के माध्यम से सभी को गुद गुदाने वाले राजपाल यादव अब जेल में भी सभी का खूब मनोरंजन कर रहे हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, कैदी नंबर 252 के रूप में राजपाल तिहाड़ जेल के स्टेज पर आए और अपने कॉमेडी एक्ट से सभी को खूब हंसाया. बताया जा रहा है कि जेल में कवी सम्मलेन आयोजित किया गया था जिसमें कई सारे कैदियों ने हिस्सा लिया. इसी दौरान राजपाल ने भी अपनी कला का नमूना पेश करते हुए स्टेज पर आकर सभी को लोटपोट कर दिया.

जेल के एक अफसर ने बताया, "राजपाल का एक्ट देखकर सभी ठहाके मारकर हंसने लगे. स्टेज पर कई सारे लोगों ने कविताएं पढ़ी लेकिन राजपाल ने सभी को एंटरटेन किया. इस तरह उन्हें स्टेज पर देखकर सभी हैरान रह गए. इस जेल में अब तक न जाने कितने ही बड़े राजनेता, क्रिकेट प्लेयरर्स, गैंगस्टर्स और आतंकी सजा काट चुके हैं लेकिन राजपाल पहले ऐसे शख्स है जो कैदियों के बीच इतने पॉपुलर हो गए. वो यहां सभी का मनोरंजन कर रहे हैं."

जानकारी है कि राजपाल को जेल नंबर 7 में रखा गया है. जेल में मौजूद दूसरे अफसर ने बताया, "राजपाल अब एक नए प्ले पर काम कर रहे हैं. उन्हें साथियों ने उसे क्रिसमस के मौके पर पेश करने को कहा है. इसी के सतह वो जेल में एक ड्रामा क्लब शुरू करने का भी प्लान बना रहे हैं.

जेल के सुपरइंटेंडेंट जोगिन्दर सिंह सहरावत ने कहा, "यादव का बर्ताव काफी अच्छा रहा है. उन्होंने यहां किसी भी तरह की मांग नहीं की और ना ही खुद को अलग ट्रीट करने की गुजारिश की है. वो लाइब्रेरी में भी वक्त बिताते हैं. हम उन्हें अन्य किसी कैदी की तरह ही ट्रीट कर रहे हैं."

आपको बता दें कि राजपाल यादव ने 2010 में फिल्म 'अता पता लापाता' के निर्माण के लिए दिल्ली के एक बिजनेसमैन से 5 करोड़ रूपए उधार लिए थे. लेकिन न तो फिल्म बनी और न ही उन्होंने वो 5 करोड़ रूपए उन्हें लौटाए. इसके बाद नाराज बिजनेसमैन में राज्पक्ल के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज किया जिसको लेकर हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने राजपाल यादव को सजा सुनाई.