राष्ट्रपति का यह बयान विधेयक के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, प्रदर्शनकारियों के संसद पर हमला करने और कई लोगों के मारे जाने के एक दिन बाद आया है। दशकों बाद केन्या की सरकार के खिलाफ इतने उग्र प्रदर्शन हुए हैं।
सरकार ऋण चुकाने के लिए नए कर से धन जुटाना चाहती थी, लेकिन केन्या के लोगों का कहना है कि इस विधेयक से आर्थिक मुश्किलें बढ़ेंगी क्योंकि लाखों लोगों को जीवनयापन के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
विवादित वित्त विधेयक को लेकर मंगलवार को देश में पैदा हुई अराजकता के मद्देनजर सरकार को सेना तैनात करनी पड़ी और रुटो ने प्रदर्शनकारियों की कार्रवाई को ‘‘देशद्रोही’’ करार दिया था।
राष्ट्रपति ने अब कहा है कि इस विधेयक के कारण ‘‘व्यापक असंतोष’’ पैदा हुआ है और उन्होंने लोगों की बात सुनी है तथा ‘‘उनकी बात मान ली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए एक राष्ट्र के रूप में इस बात पर चर्चा करना आवश्यक है कि हम देश के मामलों को एक साथ कैसे प्रबंधित करें।’’
केन्या के लोगों को बुधवार को सड़कों पर आंसू गैस और सेना का सामना करना पड़ा। एक दिन पहले ही हजारों लोगों ने संसद पर हमला कर दिया था। राष्ट्रपति ने इसे एक अवज्ञाकारी कृत्य करार दिया था और ‘‘अस्तित्व के लिए’’ खतरा बताया था।
मानवाधिकार समूहों के मुताबिक, विधेयक के विरोध के दौरान हुई हिंसा में कम से कम 22 लोग मारे गए हैं। रुटो ने इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार दिया।
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