नयी दिल्ली, 25 नवंबर संसद के शीतकालीन सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों तथा उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुद्दे को उठाने का प्रयास करते हुए हंगामा किया, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही एक-एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों ही सदनों में शून्यकाल एवं प्रश्नकाल नहीं हो पाए।
सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मीडिया से किए गए संवाद में सभी राजनीतिक दलों से सत्र के दौरान स्वस्थ चर्चा में भाग लेने का आह्वान किया और इसके परिणामोन्मुखी होने की उम्मीद भी जताई।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए... मुट्ठी भर लोग... हुड़दंगबाजी से संसद को नियंत्रित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता, लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार को बारीकी से देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है।’’
मोदी ने किसी का नाम लिये बिना कहा, ‘‘लेकिन जिनको जनता ने लगातार नकारा है, वे अपने साथियों की बात को भी नकार देते हैं और उनकी एवं लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं।’’
लोकसभा में सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने वर्तमान लोकसभा के सदस्य रहे वसंत राव चव्हाण और नूरुल इस्लाम तथा पूर्व सदस्यों एम एम लॉरेंस, एम पार्वती एवं हरीश चंद्र देवराव चव्हाण के निधन के बारे में सदन को सूचित किया।
सभा ने कुछ क्षण मौन रखकर दिवंगत सांसदों और पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद कुछ विपक्षी सदस्य एक उद्योगपति से जुड़े मामले और उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को हुई हिंसा के मुद्दे को उठाने का प्रयास करते सुने गए। कुछ विपक्षी सदस्यों ने अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों का मुद्दा उठाने का प्रयास किया।
हंगामे के बीच बिरला ने पूर्वाह्न 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
निचले सदन की दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी जब सदन में पहुंचे तो केंद्रीय मंत्रियों समेत सत्तापक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और उन्होंने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए।
बैठक पुन: शुरू होते ही समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद धर्मेंद्र यादव और कुछ अन्य पार्टी सदस्य संभल हिंसा का मुद्दा उठाने का प्रयास करते देखे गए। इस दौरान विपक्ष की अग्रिम पंक्ति में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी खड़े थे।
अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी विभिन्न मुद्दे उठाने का प्रयास कर रहे थे।
पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया।
शोर-शराबा जारी रहने पर उन्होंने सदन की बैठक एक मिनट के अंदर ही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
उधर, राज्यसभा की बैठक आरंभ होने पर सदन ने दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें कुल 13 नोटिस मिले हैं।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास, कांग्रेस के नीरज डांगी, प्रमोद तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कुछ अन्य सदस्यों ने अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिए थे।
आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा सहित विपक्ष के कुछ अन्य सदस्यों ने मणिपुर में हिंसा और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुद्दे पर नोटिस दिए थे।
सभापति धनखड़ ने इन सभी नोटिस को अस्वीकार कर दिया और खरगे को अपनी बात रखने का मौका दिया।
खरगे ने कहा कि अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं।
उन्होंने कहा कि यदि सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित कर दिया जाता है तो विपक्षी सदस्य बता सकते हैं कि यह ‘बहुत महत्वपूर्ण’ मुद्दा पूरे देश को कैसे प्रभावित कर रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब हुई और फिर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अदाणी का समर्थन कर रहे हैं।
हालांकि, इससे पहले खरगे कुछ और बोल पाते, सभापति ने कहा कि वह इस मुद्दे पर उनके नोटिस को अस्वीकार कर चुके हैं इसलिए वह इसे उठा नहीं सकते।
इसके बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और आसन से खरगे को बोलने देने की मांग करते रहे।
सभापति ने सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन की अपील की। हंगामा जारी रहने पर उन्होंने 11 बजकर 30 मिनट पर सदन की कार्यवाही 11 बजकर 45 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर सभापति ने कहा कि वह सदन के सदस्यों का बहुत सम्मान करते हैं । उन्होंने सदस्यों से उन्हें निर्धारित कामकाज जारी रखने देने का आग्रह किया।
हालांकि, इस दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों को कुछ मामलों को उठाते हुए सुना गया।
इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों ने सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 2,100 करोड़ रुपये) से अधिक की रिश्वत देने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया है।
अदाणी समूह ने इन आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया है कि अमेरिकी अभियोजकों के आरोप निराधार हैं और समूह सभी कानूनों का अनुपालन कर रहा है।
इन आरोपों के मद्देनजर विपक्षी दलों ने मांग की है कि गौतम अदाणी को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ जांच शुरू की जाए। विपक्ष ने अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों पर चर्चा के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की भी मांग की है।
इस बीच, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक कर तय किया कि वे सदन में अदाणी समूह से जुड़े मामले को उठाएंगे और जेपीसी के गठन की मांग पर जोर देंगे।
सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर यह मांग करने का भी निर्णय लिया कि मंगलवार को संविधान दिवस के अवसर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं को बोलने के लिए आमंत्रित किया जाए।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पत्र में इस बात का उल्लेख होगा कि अगर प्रधानमंत्री बोल सकते हैं तो नेता प्रतिपक्ष क्यों नहीं।
मंगलवार, 26 नवंबर को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में लोकसभा एवं राज्यसभा की बैठक नहीं होगी। दोनों सदन की अगली बैठक अब बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी।
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