अगले साल जनवरी, फरवरी और मार्च में जब और टीके उपलब्ध होंगे तो वह पहले किसे दिए जाएंगे इस पर बहस जारी है।
टीकाकरण विशेषज्ञों का एक दल, सप्ताहांत में होने वाली एक आपातकालीन बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करेगा।
समिति चाहे जो भी निर्णय ले, टीकाकरण को लेकर एक राज्य से दूसरे राज्य में प्राथमिकताएं अलग होंगी।
विशेषज्ञों के दल का कहना है कि उन लोगों को टीका पहले मिलना चाहिए जो आवश्यक कार्य कर रहे हैं क्योंकि बस चालक, दुकानदार और इस प्रकार के लोग घर से काम नहीं कर सकते।
ये ऐसे लोग हैं जो संक्रमण की चपेट में जल्दी आ रहे हैं।
इसके अलावा संक्रमण के खतरे के संबंध में नस्ली अंतर भी स्पष्ट है।
परंतु कुछ अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि कि 65 साल या उससे अधिक उम्र के और लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को टीका मिलना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समूह में मृत्युदर ज्यादा है।
मॉडर्ना के टीके पर चर्चा करने के एक दिन बाद रविवार को विशेषज्ञों का दल प्रस्ताव पर मतदान करेगा।
राज्यों में टीकाकरण कार्यक्रम के प्रबंधकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन की कार्यकारी निदेशक क्लेयर हन्नान ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें पता है कि सब कुछ पूरी तरह से सही नहीं होने वाला है। हमारे पास एक साथ सभी को देने के लिए टीके उपलब्ध नहीं है्र। इसलिए हमें मुश्किल फैसले लेने होंगे।”
यदि आवश्यक कार्य करने वालों को वास्तव में प्राथमिकता दी जाती है तो यह भी देखना होगा कि राज्यों ने भी तय कर रखा है कि टीका पहले किसे दिया जाना चाहिए।
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