नयी दिल्ली, 18 अप्रैल तेल एवं गैस क्षेत्र की दिग्गज ब्रिटिश कंपनी बीपी के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा है कि यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बीच भारत के रूस से सस्ता तेल आयात करने से पश्चिमी देश असल में खुश हैं।
बीपी के मुख्य अर्थशास्त्री स्पेंसर डेल ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि रूस से भारत का तेल आयात बढ़ना किसी भी तरह से समस्या नहीं है। भारत सस्ती दरों पर रूस से बड़े पैमाने पर तेल आयात कर रहा है और इस समय रूस, भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन चुका है।
डेल ने कहा, "रूसी तेल की अधिकतम कीमत तय करने का मूल मकसद ही था कि रूसी तेल की आपूर्ति होती रहे और किसी भी तरह का आपूर्ति संकट न हो। इसके साथ रूस को उस तेल से अधिक राशि न मिलने देना भी एक बिंदु था।"
पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद पश्चिमी देशों ने उसके खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। इनमें समुद्री रास्ते से होने वाले तेल निर्यात की अधिकतम कीमत को 60 डॉलर प्रति बैरल तक सीमित कर दिया गया था। ऐसे में रूस को अपना तेल 30 डॉलर प्रति बैरल तक के भाव पर बेचना पड़ा है।
उन्होंने कहा, "भारत का कम दाम पर रूस से अपना तेल आयात नाटकीय रूप से बढ़ाना एक बड़ी बात रही है। अधिकतम कीमत तय करने का असली मकसद ही यह था। भारत के तेल आयात में वृद्धि का स्वागत किया गया है।"
गत वर्ष सितंबर में भारत रूस से प्रतिदिन 10 लाख बैरल तेल का आयात कर रहा था। अब यह मात्रा बढ़कर 18 लाख बैरल प्रतिदिन हो चुकी है।
प्रेम
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