वायनाड, एक अगस्त केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित मुंडक्कई क्षेत्र में बचाव अभियान अभी कुछ और दिन तक जारी रहेगा। विजयन ने बचाव प्रयासों में समन्वय के लिए चार मंत्रियों की एक मंत्रिमंडीय उपसमिति भी गठित की।
चारों मंत्री बचाव अभियान में समन्वय के लिए वायनाड में ही ठहरेंगे। वायनाड में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन में कम से कम 173 लोगों की मौत हो गयी।
विजयन ने सर्वदलीय बैठक के बाद बचावकर्मियों, खासकर भारतीय सेना के प्रयासों की प्रशंसा की और संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने (बचावकर्मियों ने) सराहनीय काम किया है।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि सेना के जवानों के मुताबिक मलबे से जिन लोगों को बचाया जा सकता था, उन्हें बचा लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “बहुत सारे लोग लापता हैं। हमने क्षेत्र के कई हिस्सों से बहुत सारे शव बरामद किए हैं। बचावकर्मियों ने चालियार नदी से कई शव बरामद किए हैं। कई शवों के अंग भी बरामद किए गए हैं।” उन्होंने कहा कि बचाव कार्य में अभी कुछ और दिन लगेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अब भी 12 मंत्री वायनाड में डेरा डाले हुए हैं। सर्वदलीय बैठक में अब फैसला लिया गया है कि बचाव अभियान में समन्वय के लिए चार मंत्री यहीं रहेंगे।””
विजयन ने कहा कि राजस्व मंत्री के. राजन, वन मंत्री ए के ससींद्रन, पीडब्ल्यूडी एवं पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास और एससी/एसटी विभाग के मंत्री ओआर केलू वायनाड में रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कई लोग अब भी लापता हैं और बड़ी मात्रा में मिट्टी जमा होने के कारण खोज अभियान शुरू करना शुरू में मुश्किल था।
विजयन ने कहा, “शुरू में, बचाव अभियान के लिए बड़ी मशीनें ले जाना संभव नहीं था। लेकिन अब जब सेना बेली ब्रिज का निर्माण पूरा कर लेगी तो अभियान आसान हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि सेना द्वारा चूरलमाला और मुंडक्कई के बीच बनाए जा रहे ‘बेली ब्रिज’ के पूरा होने से बचाव कार्यों के लिए आवश्यक उपकरण आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं द्वारा पुनर्वास प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि राज्य के लोग पिछली प्राकृतिक आपदाओं के दौरान के अपने अनुभव का उपयोग वायनाड त्रासदी के पीड़ितों की मदद के लिए करेंगे।
विजयन ने कहा कि आपदा प्रभावित बच्चों की शिक्षा को फिर से शुरू करने को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे जहां भी हैं, उन्हें वहीं अपनी शिक्षा जारी रखने का अवसर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “इसके लिए स्थानीय निकाय और शिक्षा विभाग द्वारा व्यवस्था की जाएगी।”
इसके अलावा राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीड़ितों को आपदा के कारण हुए मनोवैज्ञानिक आघात से निपटने में मदद के लिए परामर्श दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मीडिया से राहत शिविरों में रह रहे असंख्य परिवारों की निजता का सम्मान करने और शिविरों के अंदर रिपोर्टिंग करने से बचने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संवाददाताओं सहित वे लोग जो परिवारों से मिलना चाहते हैं, वे शिविरों के बाहर ही रुकें ताकि दूसरों की निजता प्रभावित न हो।
उन्होंने शिविरों में संक्रमण फैलने की संभावना पर कहा, “क्षेत्र में संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में जारी निर्देशों का सभी को पालन करना होगा।”
विजयन ने कहा कि आपदा में जिन लोगों ने अपने महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र और दस्तावेज खो दिए हैं उन्हें फिर से जारी करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
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