ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के समूह को विजय माल्या (Vijay Mallya) की दिवालिया हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस (Kingfisher Airlines) से कर्ज की वसूली के संबंध में अपनी याचिका में संशोधन की मंगलवार को स्वीकृति दे दी. अदालत ने याचिका में संशोधन करने के आवेदन को सही करार दिया और कहा कि कोई भी बैंक भारत में बंधक माल्या की सम्पत्ति को बंधक मुक्त कर सकता है ताकि दिवाला मामले में फैसले के बाद सभी कर्जदाताओं को फायदा हो सके. इस याचिका के तहत याचिका करने वाले बैंकों को भगोड़े आर्थिक अपराधी माल्या की उन भारतीय भारत सम्पत्तियों पर प्रतिभूति संबंधी अधिकार को छोड़ने की छूट मांगी थी जो उनके पास बंधक पड़ी है. इससे दिवाला प्रक्रिया में उनके पक्ष में कोई निर्णय आने पर दिवालीया व्यक्ति को कर्ज देने वाले सभी कर्जदाताओं को फायदा हो सकेगा. यह भी पढ़ें- निर्मला सीतारमण ने कहा- विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी सभी कानून का सामना करने के लिए भारत वापस आ रहे हैं.
दिवालिया एवं कंपनी मामलों की सुनवायी करने वाली मुख्य अदालत (आईसीसी) के न्यायधीश मिशेल ब्रिग्स ने बैंकों के पक्ष में अपने फैसला सुनाते हुये कहा कि ऐसी कोई सार्वजनिक नीति नहीं है जो कि बैंक बंधक रखी सम्पत्ति पर अपने प्रतिभूति संबंधी अधिकार को न हटा सकें. अदालत ने इसके साथ ही इस मामले में अंतिम बहस के लिये 26 जुलाई की तिथि तय कर दी.
ANI का ट्वीट-
Fugitive businessman Vijay Mallya loses bankruptcy petition in UK High Court. SBI a step closer to recovering their money from him.
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— ANI (@ANI) May 18, 2021
वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई इस सुनवाई में 65 वर्षीय माल्या के पक्ष अथवा उसके खिलाफ दिवालिया आदेश देने के लिये 26 जुलाई को अंतिम बहस होगी. बैंकों का आरोप है कि माल्या मामले को लंबा खींचना चाहता है. उन्होंने दिवालिया याचिका को उसके स्वाभाविक परिणाम तक पहुंचाने की अपील की है. न्यायाधीश ने कहा कि वह बैंकों को संशोधन की अनुमति देते है.