जम्मू, 19 दिसंबर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित मंदिर तक जाने वाले मार्गों पर भूस्खलन और चट्टानों के गिरने की आशंका वाले क्षेत्रों की पहचान करने और इन खतरों से निपटने के लिए त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी है।
पिछले तीन वर्षों में भूस्खलन और चट्टानों के गिरने की कई घटनाओं में कुछ लोग हताहत हुए हैं। इस साल दो सितंबर को मंदिर के रास्ते में भूस्खलन में तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी।
बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने बोर्ड की 73वीं बैठक की अध्यक्षता की और समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी।
उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) के साथ सहयोग शामिल है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य जोखिम वाले क्षेत्रों से जुड़े खतरों को कम करके तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
उपराज्यपाल ने बोर्ड को सेवाओं, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन उपायों का विस्तृत विश्लेषण करने का निर्देश दिया। उन्होंने बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी की आवश्यकता पर भी बल दिया।
प्रवक्ता ने बताया कि बोर्ड ने सांझीछत क्षेत्र के लिए उस योजना को मंजूरी दी जिसमें आवास, शौचालय, भोजन सुविधाएं और कतार प्रबंधन जैसे प्रमुख सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
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