नयी दिल्ली, 19 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार को अगले आदेश तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का बृहस्पतिवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ को सूचित किया गया कि वायु गुणवत्ता बिगड़ने के कारण दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) का चौथा चरण फिर से लागू कर दिया गया है।
पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और ऑनलाइन माध्यम से उनकी आपूर्ति पर पूरे साल के लिए तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
इसने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि यह प्रतिबंध तभी प्रभावी होगा, जब एनसीआर क्षेत्र में शामिल अन्य राज्य भी इसी तरह के उपाय लागू करेंगे। यहां तक कि राजस्थान ने भी राज्य के उस हिस्से में इसी तरह का प्रतिबंध लगाया है, जो एनसीआर के दायरे में आता है। फिलहाल हम उत्तर प्रदेश और हरियाणा को भी वैसा ही प्रतिबंध लगाने का निर्देश देते हैं, जैसा कि दिल्ली ने लागू किया है।’’
सुनवाई के दौरान अदालत मित्र के तौर पर पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने प्रतिबंध पर दिल्ली सरकार के फैसले के बारे में शीर्ष अदालत को जानकारी दी।
न्यायालय ने एनसीआर के राज्यों को जीआरएपी के चौथे चरण के तहत प्रदूषण विरोधी उपायों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की टीम गठित करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, "हम एनसीआर के राज्यों को जीआरएपी-4 के उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए पुलिस और राजस्व अधिकारियों की टीम गठित करने का निर्देश देते हैं। हम कहते हैं कि इस टीम में शामिल सदस्य इस न्यायालय के अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। वे नियमित रूप से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को अनुपालन और उल्लंघन की रिपोर्ट सौंपेंगे, ताकि सभी संबंधित पक्ष तत्काल कार्रवाई कर सकें।’’
दिवाली के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर पर गंभीर चिंता जताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि पटाखों पर प्रतिबंध से संबंधित उसके निर्देशों का ‘‘बमुश्किल पालन हुआ।’’
उच्चतम न्यायालय एमसी मेहता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
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