देहरादून, नौ दिसंबर उत्तराखंड के देहरादून में विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का 10वां संस्करण 12 से 15 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने यहां चार दिवसीय कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि आयुष और योग की भूमि उत्तराखंड में विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का आयोजन होना प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है।
उन्होंने उत्तराखंड को आयुर्वेद की ‘प्रज्ञा भूमि’ बताते हुए कहा कि यहां हमारे ऋषियों, मुनियों द्वारा अनेक प्रकार के शोध और अनुसंधान प्राचीन समय से ही किए जाते रहे हैं क्योंकि यहां की जलवायु शुद्ध है, भूमि की उर्वरा शक्ति अच्छी है और औषधियों के लिए आवश्यक वनस्पतियां मौजूद हैं।
धामी ने कहा कि इस कार्यक्रम में अनेक विषयों पर मंथन, चिंतन और संवाद होगा तथा आयुर्वेद के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान रखने वाले लोग अपना अनुभव साझा करेंगे।
उन्होंने कहा, “इस कार्यक्रम से निकलने वाली जानकारी देश में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुर्वेद की अलख जगाएगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में राज्य में अनेक कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है क्योंकि यह विषय हमारी भूमि, हिमालय और वनों का है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में योग नीति को बनाने का काम प्रगति पर है, जो देश में अपनी तरह की पहली नीति है।
धामी ने कहा कि इसके अलावा 50 बिस्तरों वाले तीन आयुष अस्पताल टिहरी, कोटद्वार और टनकपुर में निर्माणाधीन है।
उन्होंने कहा कि राज्य में आयुष आधारित 300 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (स्वास्थ्य केंद्र) की स्थापना का कार्य भी पूरा किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि सभी आयुष अस्पतालों में टेली मेडिसिन, पंचकर्म आदि सुविधाएं दी जा रही हैं।
धामी ने कहा कि इसके अलावा आयुर्वेद के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधानों और नवाचारों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद की जननी रही है और इस आयोजन से प्रदेश के लोगों को ही नहीं बल्कि यहां आने वाले अतिथि भी लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में भी उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का प्रयास किया जाएगा।
आयुष सचिव रविनाथ रमन ने कहा कि इस आयोजन में 58 देशों के 300 से अधिक प्रतिनिधि ने आने की पुष्टि की है जबकि देश से 6500 प्रतिभागी इसमें अपना पंजीकरण करवा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में दो लाख से अधिक लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उदघाटन केंद्रीय आयुष मंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा जबकि इसके समापन कार्यक्रम में राज्यपाल मुख्य अतिथि होंगे।
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