UP: देश ही नहीं, दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर लुभा रहा है उत्तर प्रदेश- मुख्यमंत्री योगी
CM Yogi Adityanath | PTI

लखनऊ, 27 सितंबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को शुभकामना देते हुए शुक्रवार को कहा कि प्रदेश आज देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर लुभा रहा है. मुख्यमंत्री योगी ने 'विश्व पर्यटन दिवस' पर अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीते साल 46 करोड़ से अधिक पर्यटक उत्तर प्रदेश आए और अब उप्र धार्मिक, आध्यात्मिक, हेरिटेज और ईको टूरिज्म का हब बन चुका है. यहां जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि अगले साल मकर संक्रांति से 26 फरवरी तक प्रयागराज में लगने वाले 'महाकुंभ—2025' के दौरान 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक और धार्मिक परंपरा का हृदय स्थल उत्तर प्रदेश आज देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर के पर्यटकों को लुभाने में सफल हुआ है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजनरी नेतृत्व में गत वर्ष उप्र में 46 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने राज्य के अलग-अलग धार्मिक आध्यात्मिक, ईको टूरिज्म या हेरिटेज टूरिज्म के स्थलों का भ्रमण किया है. योगी ने कहा कि ये पर्यटक उप्र के अंदर केवल पर्यटन की दृष्टि से नहीं आते बल्कि रोजगार सृजन में भी इनकी बड़ी भूमिका है. पर्यटन गतिविधियां विरासत और विकास के बेहतरीन समन्वय को आगे बढ़ाने का काम करती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से देखें तो रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट आदि हमारे पास हैं. आज काशी में बाबा विश्वनाथ धाम करोड़ों पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं. अयोध्या, वृंदावन, गोकुल, बरसाना ने दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित किया है.’’ यह भी पढ़ें : Maharashtra Ladli Bahin Yojana 2024: मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के लिए अभी भी कर सकते हैं आवेदन, जानें अंतिम डेट

उन्होंने बताया कि बौद्ध पर्यटन की दृष्टि से सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कौशाम्बी, संकिसा दुनिया भर के बौद्ध श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है. वहीं जैन टूरिज्म की दृष्टि से उप्र में अनेक संभावनाएं हैं. योगी ने कहा कि अयोध्या जैन तीर्थंकरों की जन्मस्थली है, काशी की पावन धरा पर अनेक जैन तीर्थंकर अवतरित हुए थे. कुशीनगर की पावा नगरी जैन तीर्थंकरों की पावन धरा के रूप में आज भी हमारे लिए पूज्य बनी हुई है. विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन प्रयागराज कुंभ दुनियाभर के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. उन्होंने पर्यटन के विविध क्षेत्रों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार पर्यटकों की सुविधा और रुचि के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.