नयी दिल्ली, 7 फरवरी: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा को अवगत कराया कि केरल सरकार के सहयोग न करने के कारण इतने वर्षों के प्रयासों के बाद भी राज्य की प्रस्तावित सबरीमला रेलवे परियोजना में प्रगति नहीं हुई है और इसके दो वैकल्पिक संरेखण पर विचार किया जा रहा है. रेल मंत्री ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि परियोजना के लिए दो वैकल्पिक संरेखण पर विचार किया जा रहा है.
इस परियोजना का उद्देश्य राज्य में सबरीमला मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करना है. इसे सबरी रेल परियोजना के रूप में भी जाना जाता है. उन्होंने कहा कि सबरी रेल परियोजना एक और ‘अनोखी केस स्टडी’ है, जिसमें इतने वर्षों के प्रयासों के बावजूद, भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर राज्य सरकार से सहयोग न मिलने के कारण वैसी वांछित प्रगति नहीं हुई है, जैसी होनी चाहिए थी. वैष्णव ने कहा, ‘‘फिलहाल, हम दो संभावित वैकल्पिक संरेखणों पर काम कर रहे हैं.
एक संरेखण में रेलवे लाइन मंदिर के बहुत करीब पहुंच जाएगी और दूसरे संरेखण में यह लाइन मंदिर से लगभग 25-26 किमी पहले समाप्त हो जाएगी. एक बार दोनों संरेखणों की पूरी तरह से पड़ताल हो जाए, उसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा.’’ केरल में रेलवे नेटवर्क के विकास को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेल नेटवर्क को सबरीमला मंदिर तक पहुंचाना एक महत्वपूर्ण परियोजना है.
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