बता दें कि इसबार जी-20 सम्मेलन की मेजबानी सऊदी अरब कर रहा है।
बयान के मुताबिक फोन पर बातचीत के दौरान नेताओं ने दोनों देशों के संबंधों को सुधारने पर चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के महा वाणिज्य दूतावास के भीतर वर्ष 2018 में सऊदी पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या के बाद से तुर्की और सऊदी अरब के रिश्ते तेजी से खराब हुए। रिश्तों में कड़वाहट की एक वजह तुर्की द्वारा मुस्लिम ब्रदरहुड का समर्थन किया जाना भी है जिसे सऊदी अरब आतंकवादी संगठन मानता है।
तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति एर्दोआन और शाह सलमान द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और मुद्दों के समाधान के लिए बाचतीत के रास्ते को खुला रखने पर सहमत हुए हैं।’’
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उल्लेखनीय है कि कोरोनो वायरस की वजह से डिजिटल माध्यम से शनिवार और रविवार को आयोजित होने वाली जी-20 नेताओं की बैठक की मेजबानी सऊदी अरब करेगा।
एपी धीरज पवनेश
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