देश की खबरें | कानपुर देहात में क्रोमियम प्रदूषण को तत्काल दूर करने की जरूरत: रिपोर्ट

नयी दिल्ली, दो दिसंबर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को प्राप्त एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात और फतेहपुर जिलों में लोग मिट्टी और जल से संबंधित क्रोमियम प्रदूषण का सामना कर रहे हैं जिसे तत्काल दूर करने की जरूरत है।

हरित अधिकरण ने इसके पहले ‘एमिकस क्यूरी’ (अदालत मित्र) से रिपोर्ट मांगी थी। एनजीटी कानपुर देहात के रनिया और कानपुर नगर के राखी मंडी में क्रोमियम युक्त कचरे को वैज्ञानिक रूप से निपटाने में संबंधित अधिकारियों की विफलता के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा था।

अधिकरण ने कानपुर नगर के जाजमऊ में ठीक से काम नहीं कर रहे ‘कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट’ (सीईटीपी) के माध्यम से सिंचाई नहरों में जहरीले क्रोमियम युक्त औद्योगिक अपशिष्टों को छोड़ने वाली ‘टेनरी’ द्वारा निरंतर जल प्रदूषण और फतेहपुर जिले के गोधरौली गांव में उद्योगों द्वारा भूजल में क्रोमियम प्रवाहित किए जाने के मुद्दे को एक साथ जोड़ दिया।

अदालत मित्र कात्यायनी ने 26 नवंबर की दिनांक वाली एक अंतरिम रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उप्र जल निगम और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के साथ कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर और 19 से अधिक अन्य स्थानों का दौरा किया।

रिपोर्ट के अनुसार तीनों जिलों में से प्रत्येक के अलग-अलग मुद्दे हैं। उदाहरण के लिए कानपुर नगर में सीवेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) काम नहीं कर रहा है, जबकि कानपुर देहात और फतेहपुर में कोई एसटीपी ही नहीं है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इसी तरह, कानपुर देहात और फतेहपुर में मिट्टी और भूजल में क्रोमियम प्रदूषण की समस्या है जिसे तत्काल दूर करने की जरूरत है।’’

इसमें यह भी कहा गया है कि प्रयागराज में आयोजित होने वाले आगामी महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए गंगा और पांडु नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए एक अस्थायी कार्य योजना अपनाई जानी चाहिए।

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