नयी दिल्ली, दो दिसंबर साइबर जालसाजों ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी की फर्जी प्रोफाइल बनाकर कंपनियों को सात करोड़ रुपये का चूना लगाया है। दिल्ली पुलिस के ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन और स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन्स’ (आईएफएसओ) ने यह जानकारी दी।
साइबर अपराधियों ने कंपनियों को ठगने के लिए एक नया तरीका अपनाया है, जिसके तहत वे खुद को प्रबंध निदेशक या सीईओ जैसे उच्च पदस्थ अधिकारी बताकर कर्मचारियों को उनके खातों में पैसे भेजने को कहते हैं।
पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) हेमंत तिवारी ने एक बयान में कहा कि जालसाजों ने इस तरह पिछले दो सप्ताह में तीन मामलों में सात करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की।
तिवारी ने जालसाजों के हथकंडे के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि साइबर ठग कंपनी प्रमुखों की प्रोफाइल तस्वीर का उपयोग करके एक नकली व्हाट्सएप अकाउंट बनाते हैं। यह तस्वीर अक्सर सोशल मीडिया या कंपनी की वेबसाइट से ली जाती है।
उन्होंने बताया कि इसके बाद वे अकाउंटेंट या वित्तीय अधिकारियों से संपर्क करते हैं और महत्वपूर्ण बैठकों या उच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं की आड़ में तत्काल भारी रकम हस्तांतरण का दबाव डाला जाता है।
अधिकारी ने बताया कि एक मामले में जालसाज ने खुद को एक कपंनी का प्रबंध निदेशक बताकर इसके अकाउंट प्रबंधक से ‘‘नयी परियोजना’’ के हवाला देकर 1.15 करोड़ रुपये हस्तांतरित करवा लिये।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)