नयी दिल्ली, दो दिसंबर विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने चीन द्वारा अपनाई जा रही आक्रामक व्यापार प्रथाओं को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच सोमवार को कहा कि निवेश समेत आर्थिक निर्णयों के दौरान “राष्ट्रीय सुरक्षा की शर्त” को भी ध्यान में रखने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “यह पसंद हो या नहीं, हम तेजी से शस्त्रीकरण के युग में नहीं बल्कि (सुविज्ञ निर्णयों का) लाभ उठाने के युग में हैं। इसलिए, नीति निर्माताओं को निवेश सहित आर्थिक निर्णयों के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखना होगा।’’
जयशंकर ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) पार्टनरशिप समिट 2024 को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह प्रवृत्ति दुनिया भर में है और यदि हम इसे नजरअंदाज करेंगे तो यह हमारे लिए ही खतरा होगा।’’
विदेश मंत्री ने कहा कि व्यापार में सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि दुनिया में वाणिज्य और आपूर्ति श्रृंखला की प्रकृति ऐसी है कि पारंपरिक सावधानियां हमेशा पर्याप्त नहीं होती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘तेजी से बढ़ने के लिए विश्वसनीय भागीदारों के साथ सहयोग की आवश्यकता होगी। और यह वही है जिसे हम शुरुआत के रूप में देखते हैं।’’
जयशंकर ने अमेरिक के राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल और भारत के लिए इससे जुड़े निहितार्थों पर कहा कि अमेरिका के साथ भारत का रणनीतिक तालमेल समय के साथ और गहरा हुआ है जो कई सहयोगी अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे ट्रंप प्रशासन का आगमन भी स्पष्ट रूप से व्यापारिक हलकों में एक प्रमुख विचारणीय विषय है। जाहिर है, एकमात्र सुरक्षित भविष्यवाणी एक हद तक अप्रत्याशित ही है।’’
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