काबुल: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश में पूर्वी हिस्से में हुए विरोध प्रदर्शन पर तालिबान ने हिंसात्मक कार्रवाई की. देश पर तालिबान के कब्जे के बाद उसके हर कदम पर करीबी निगाह रखी जा रही है. तालिबान का कहना है कि वह बदल गया है और उस तरह की पाबंदिया दोबारा नहीं लगाएगा जो उसने अपने पहले के शासनकाल के दौरान लगाई थीं, लेकिन इन्हें लेकर लोग आश्वस्त नहीं हैं. बुधवार को हुए प्रदर्शन को जिस तरीके से समाप्त कराया गया है,उससे लोगों की आशंकाओं को बल मिल सकता है.
पूर्वी शहर जलालाबाद में बड़ी संख्या में लोग देश के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले राष्ट्रीय ध्वज फहाराने के लिए एकत्रित हुए । उन्होंने तालिबान के झंडे को नीचे कर दिया. घटना से जुड़े वीडियो फुटेज बाद में सार्वजनिक हुए जिनमें दिखाई दे रहा है कि तालिबान लड़ाके भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चला रहे हैं और भीड़ पर बलप्रयोग कर रहे हैं. स्थानीय समाचार समिति के संवाददाता बाबराक अमीरज़ादा ने बताया कि वह इस विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे, तो तालिबान ने उन्हें और एक अन्य एजेंसी के कैमरामैन के साथ मारपीट की. यह भी पढ़ें: Afghanistan Crisis: तालिबान को लुभाने के लिए चीन तैयार, उइगर प्रतिक्रिया की आशंका
इस बीच कुछ वीडियो सामने आए हैं जिसमें दिखाई दे रहा है कि काबुल के उत्तर में स्थित पंजशीर वैली में देश के संभावित विपक्षी नेता इकट्ठा हो रहे हैं. यह स्थान ‘नॉर्दन एलाइंस’ लड़ाकों को गढ़ है,जिन्होंने 2001में तालिबान के खिलाफ अमेरिका से हाथ मिलाया था. यह एकमात्र प्रांत है जो तालिबान के हाथ नहीं आया है.
इस स्थान पर सत्ता से बेदखल सरकार के सदस्य- उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह, रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मोहम्मदी, नॉर्दन एलाइंस के मारे गए नेता अहमद शाह मसूद का बेटा अहमद मसूद शामिल हैं. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये लोग तालिबान का विरोध करेंगे या नहीं.
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