गोपेश्वर (उत्तराखंड), छह दिसंबर उत्तराखंड के उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित चार धाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के पुराने पारंपरिक मार्गों को खोजने के लिए गया विशेषज्ञ दल 43 दिनों में 1200 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूरी कर सोमवार को लौट आया।
पुराने रास्तों से उत्तराखंड के चारों धामों की ट्रेकिंग पूरी करने बाद यहां पहुंचे उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) व 'ट्रेक द हिमालय' संगठन के 25 सदस्यीय दल का जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने स्वागत किया और उनके अनुभव जाने।
राज्य आपदा प्रतिवादन बल, पर्यटन और पर्वतारोहण संस्थानों के विशेषज्ञों के इस दल ने पुरानी पगडंडियों से होते हुए पूरे रास्ते का अध्ययन कर वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के साथ जानकारी एकत्रित की है।
दल के परियोजना प्रबंधक राकेश पंत ने बताया कि ऋषिकेश से पुरानी पगडंडियों से होते हुए चारों धामों की करीब 1200 किलोमीटर पैदल यात्रा 43 दिनों में पूरी की गयी।
चारों धामों के पुराने पारंपरिक मार्गों को पुर्नजीवित करने के उद्देश्य से शुरू की गयी इस यात्रा को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 25 अक्टूबर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। दशकों पहले सड़क सुविधा नहीं होने के कारण तीर्थ यात्री इन्हीं रास्तों से चारों धामों के दर्शन को जाते थे।
दल को रवाना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह पहल हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
धामी ने कहा था कि अभियान से न केवल प्रदेश में साहसिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यह पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने, होमस्टे, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध होगा।
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