जयपुर, 21 अक्टूबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गरीबों को आवासों के पट्टे देकर उन्हें राहत पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने दो अक्टूबर से ‘प्रशासन शहरों के संग एवं प्रशासन गांवों के संग’ अभियान शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि शिविरों के आयोजन का मकसद जहां तक संभव हो मौके पर ही समस्याओं के निस्तारण का है, ऎसे में, अभियान में शामिल विभिन्न विभागों के अधिकारी संवेदनशीलता एवं तत्परता के साथ कार्य करते हुए इसे कामयाब बनाएं।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी एवं स्थानीय निकायों के अधिकारी अभियान की पर्याप्त निगरानी करें एवं प्रतिदिन आए आवेदनों के निस्तारण की प्रगति रिपोर्ट लें।
मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को प्रशासन शहरों के संग अभियान की अब तक प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर पर शिविर लगाए जाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें। उन्होंने इन शिविरों में जिम्मेदार अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहकर निगरानी करने के निर्देश दिए।
गहलोत ने विभिन्न जिलाधिकारियों से उनके जिलों में हुई प्रगति की जानकारी ली और पट्टा वितरण में आ रही कठिनाईयों के बारे में पूछा।
उन्होंने कहा कि जिलों में अभियान के दौरान पट्टा वितरण एवं इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के आवेदन स्वीकृति में आ रही समस्याओं को हल करें। उन्होंने विभिन्न जिलों में अभियान के दौरान आ रही समस्याओं एवं न्यायालयों के समय-समय पर आए निर्णयों को लेकर मुख्य सचिव स्तर पर बैठक कर सभी निकायों एवं प्राधिकरणों को उचित दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी अपनी दक्षता का प्रयोग करते हुए आमजन को राहत दें तथा अभियान में अच्छा काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाए।
शिविरों में प्राप्त आवेदनों के समय पर निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने अभियान की सफलता के लिए स्थानीय निकायों के सभापति, अध्यक्ष एवं पार्षदों का सहयोग लेने के निर्देश दिए।
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