कोलकाता, 15 जनवरी प्रमुख चाय उत्पादकों के संगठन भारतीय चाय संघ (आईटीए) ने पश्चिम बंगाल सरकार को दार्जिलिंग चाय उद्योग के संदर्भ में एक श्वेत पत्र सौंपा है। पत्र में इस क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला गया है।
संघ ने बयान में कहा कि आईटीए के अधिकारियों के एक दल ने मंगलवार शाम श्रम मंत्री मोलॉय घटक से मुलाकात कर उन्हें श्वेत पत्र सौंपा।
इस पत्र में दार्जिलिंग चाय उद्योग की वर्तमान स्थिति का गहन विश्लेषण प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
इसमें उत्पादन चुनौतियों जैसे प्रमुख मुद्दों और बाजार की प्रकृति पर भी प्रकाश डाला गया है।
आईटीए के अनुसार, पत्र में चाय उद्योग को पुनर्जीवित करने और दीर्घकालिक लाभप्रदता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुझाव भी दिए गए हैं।
आईटीए ने कहा कि दार्जिलिंग चाय उद्योग न केवल एक आर्थिक संपत्ति है, बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत है, जिस पर केंद्र और राज्य सरकारों को वित्तीय मदद के माध्यम से तत्काल ध्यान देने और रणनीतिक हस्तक्षेप की जरूरत है।
दार्जिलिंग चाय उद्योग जलवायु परिवर्तन, बहुत पुराने बागानों के कारण कम उत्पादकता और कम लाभप्रदता जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है।
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