कोलकाता, 18 सितंबर आरजी कर अस्पताल मुद्दे पर गतिरोध को हल करने के लिए आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों और पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के बीच दूसरे दौर की वार्ता बुधवार रात को सकारात्मक रुख के साथ समाप्त हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा रखी गई आठ में से सात मांगों को लागू करने पर सहमति जताई।
उन्होंने बताया कि हालांकि, राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने की मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
बैठक के परिणाम के आधार पर फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सक अपना ‘काम रोको’ प्रदर्शन समाप्त करेंगे या नहीं और ड्यूटी पर लौटेंगे या नहीं।
सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव मनोज पंत और 30 कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल के बीच राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ में शाम करीब साढ़े सात बजे बैठक शुरू हुई। बैठक के विवरण को अंतिम रूप देने में दोनों पक्षों को साढ़े तीन घंटे का समय लगा, जिस पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए।
बैठक की कार्यवाही रिकॉर्ड करने के लिए आंदोलनकारी चिकित्सकों के साथ स्टेनोग्राफर भी पहुंचे थे। पहले दौर की बातचीत सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में हुई थी।
बैठक स्थल के लिए रवाना होने से पहले एक आंदोलनकारी डॉक्टर ने कहा, "हम चाहते हैं कि अस्पतालों में सुरक्षा के मुद्दे पर ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कार्यबल के गठन की घोषणा की थी, लेकिन इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। हम चाहते हैं कि राज्य सरकार हमारी वैध मांगों को स्वीकार करे।"
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