नयी दिल्ली, 22 मार्च उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले बीएस-VI हल्के और भारी डीजल वाहनों के पंजीकरण की मंगलवार को अनुमति दी।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने निर्देश दिया कि अधिकारियों को इस श्रेणी में वाहनों के पंजीकरण के लिए अदालती आदेश पेश करने पर जोर नहीं देना चाहिए।
पीठ ने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले बीएस-VI हल्के और भारी डीजल वाहनों के संबंध में पंजीकरण की अनुमति दी जा सकती है। पंजीकरण अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे इस तरह के वाहनों के पंजीकरण के लिए अदालत द्वारा पारित किसी भी आदेश को पेश करने पर जोर नहीं दें।’’
न्यायालय ने न्याय मित्र के रूप में नियुक्त अधिवक्ता ए. डी. एन. राव की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद यह आदेश पारित किया । राव ने अदालत को बताया कि सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बीएस-VI हल्के और भारी डीजल वाहनों को पंजीकृत करने की अनुमति दी जा सकती है।
उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद 2019 में लगाए गए कर्फ्यू और इंटरनेट निलंबन के कारण जम्मू-कश्मीर में बीएस-IV वाहनों की बिक्री में छूट के अनुरोध संबंधी याचिका पर भी सुनवाई की।
पीठ ने याचिकाकर्ता से राहत के लिए जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा।
पर्यावरणविद् एम. सी. मेहता की जनहित याचिका सहित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया गया, जिनमें बीएस-VI डीजल वाहनों के पंजीकरण की अनुमति दिये जाने का अनुरोध किया गया था।
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