मैदान वर्दक प्रांत में हुए इस हमले में नौ अन्य सैनिक घायल हुए हैं। इस हमले के लिये तत्काल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन तालिबान और इस्लामिक स्टेट से संबद्ध स्थानीय समूह नियमित रूप से अफगान सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहते हैं।
अमेरिका के साथ फरवरी में शांति समझौता करने के बावजूद तालिबान ने अफगानिस्तान में हमले तेज कर दिये हैं। इस समझौते से विद्रोहियों और अफगान सरकार के बीच बातचीत का रास्ता खुलने की उम्मीद थी जिससे दशकों से चली आ रही अशांति खत्म होती।
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ये बातचीत इस महीने शुरू होनी चाहिए थी लेकिन कैदियों की रिहाई पर अमल को लेकर यह प्रक्रिया बाधित हो गई।
समझौते के मुताबिक अफगान सरकार को अपने कब्जे वाले पांच हजार तालिबानी कैदियों को छोड़ना था जिसके बदले तालिबान भी अपने कब्जे वाले एक हजार सरकारी कर्मचारियों को रिहा करता। सरकार ने अब तक 4200 से ज्यादा और तालिबान ने करीब 800 लोगों को रिहा किया है।
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एपी
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