विदेश की खबरें | शेख हसीना ने यूनुस शासन को ‘फासीवादी’ बताया, अत्याचारों के खिलाफ न्याय का संकल्प लिया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

ढाका/कोलकाता, नौ दिसंबर बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने देश के अंतरिम प्रशासन पर तीखा हमला करते हुए इसके मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर आतंकवादियों और कट्टरपंथियों को बिना रोक-टोक के काम करने की अनुमति देने वाला ‘‘फासीवादी प्रशासन’’ चलाने का आरोप लगाया।

हसीना ने रविवार को लंदन में ‘अवामी लीग’ के विदेशी समर्थकों की एक सभा को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए यूनुस पर जुलाई-अगस्त में हुई उस उथल-पुथल का ‘‘मुख्य साजिशकर्ता’’ होने का आरोप लगाया, जिसने उनकी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री ने यूनुस और उनके सहयोगियों को बांग्लादेशी कानून के तहत न्याय के कठघरे में लाने का संकल्प लिया।

उन्होंने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न के लिए यूनुस और उनकी अंतरिम सरकार की आलोचना की।

उन्होंने कहा, ‘‘पांच अगस्त के बाद से अल्पसंख्यकों, हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के पूजा स्थलों पर हमले बढ़ गए हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। नए शासन में जमात और आतंकवादियों को खुली छूट मिल गई है।’’

हसीना के संबोधन की ऑडियो रिकॉर्डिंग ‘बांग्लादेश स्टूडेंट्स लीग’ और ‘बांग्लादेश अवामी लीग’ के फेसबुक पेज पर साझा की गई।

उनकी यह टिप्पणी विदेश सचिव विक्रम मिसरी की सोमवार को ढाका यात्रा से पहले आई है। मिसरी ने ढाका यात्रा के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भारत की चिंताओं को व्यक्त किया और देश में ‘‘सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हमलों की खेदजनक घटनाओं’’ का जिक्र किया।

बांग्लादेश में पिछले कुछ सप्ताहों में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के साथ-साथ मंदिरों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसे लेकर भारत ने चिंता जताई है।

हसीना ने फोन के जरिए 37 मिनट के अपने डिजिटल संबोधन के दौरान कहा, "बांग्लादेश अब एक फासीवादी शासन की चपेट में है, जहां लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया है। गरीबी उन्मूलन और बुनियादी ढांचे के विकास, लोकतंत्र को मजबूत करने में हमारी सरकार की उपलब्धियां यूनुस के नेतृत्व में पानी फेरा जा रहा है।’’

हसीना ने यूनुस सरकार पर आगजनी और हत्याओं में शामिल लोगों सहित आतंकवादियों और अपराधियों को क्षमादान देने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश की संसद पर हमलों और अन्य अत्याचारों के लिए जिम्मेदार लोगों सहित दोषी ठहराए गए अपराधियों और आतंकवादियों की रिहाई इस सरकार की मिलीभगत को साबित करती है।’’

हसीना ने संकल्प लिया कि यूनुस प्रशासन के तहत हो रहे कथित अत्याचारों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मोहम्मद यूनुस और उनके सहयोगी जुलाई-अगस्त में देश में हुई अशांति के मुख्य साजिशकर्ता हैं। छात्रों एवं पुलिसकर्मियों की हत्या, आगजनी और अत्याचारों के पीछे उनका हाथ है। हमारे देश को नुकसान पहुंचाने वाले हत्यारों और षड्यंत्रकारियों को बांग्लादेशी कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाएगा। जिस तरह हमने युद्ध अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की थी, आज के अपराधियों के खिलाफ भी उसी तरह न्याय होगा। कानून से कोई भी बच नहीं पाएगा।’’

छात्रों के नेतृत्व वाले प्रदर्शनकारियों ने पांच अगस्त को शेख हसीना के 16 साल के शासन को समाप्त कर दिया था। सरकार विरोधी अप्रत्याशित प्रदर्शनों के बाद हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और वह देश छोड़कर पांच अगस्त को भारत आ गई थी और फिलहाल यहीं रह रही हैं।

हसीना ने वर्तमान सरकार द्वारा ‘‘न्यायिक और प्रशासनिक दमन’’ पर आक्रोश व्यक्त किया और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास के मामले का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘चिन्मय कृष्ण दास के वकील को उनके मामले की पैरवी करने से रोक दिया गया जो कानूनी अधिकारों का घोर उल्लंघन है। यह सरकार असहमति को दबाने और न्याय से वंचित करने के लिए हर हथकंडा अपना रही है।’’

बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रमुख प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वह एक रैली के लिए चटगांव जा रहे थे। उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया और जेल भेज दिया गया। उनकी गिरफ्तारी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर चिंताओं को और बढ़ा दिया है।

हसीना ने कहा, ‘‘हमारे देश के इतिहास का यह काला अध्याय हमेशा के लिए नहीं रहेगा। मोहम्मद यूनुस को उसके कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा और न्याय की जीत होगी।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को क्रूर हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने जवाबदेही और न्याय की मांग करते हुए कहा, ‘‘इस फासीवादी शासन के तहत निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मार डाला गया है। कानून का शासन पूरी तरह खत्म हो चुका है।’’

हसीना ने दावा किया कि भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) ने यूनुस और उनके संगठन ग्रामीण बैंक से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को नजरअंदाज किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘वे मेरी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं, लेकिन सबूत देने में विफल रहते हैं। इस बीच, एसीसी द्वारा यूनुस की गतिविधियों पर कोई नियंत्रण नहीं है।’’

उन्होंने अंतरिम सरकार को उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने की चुनौती दी।

हसीना ने आरोप लगाया कि अगस्त से अब तक अवामी लीग के एक हजार से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है, उनके घरों को लूटा गया है और उनके कारोबार को नष्ट कर दिया गया है।

उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी के सदस्यों को व्यवस्थित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है और ये घटनाएं अवामी लीग के प्रभाव को खत्म करने की व्यापक साजिश का हिस्सा हैं।

अपने संबोधन के समापन में हसीना ने उज्ज्वल भविष्य की आशा व्यक्त की तथा लोगों को आश्वस्त किया कि ‘‘जल्द ही एक नयी सुबह होगी, जो हमारे देश में छाए अंधकार को दूर करेगी।’’

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