नई दिल्ली, 18 फरवरी: उच्चतम न्यायालय ने शीना बोरा हत्याकांड (Sheena Bora murder case) में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी (Indrani Mukerjea) की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सीबीआई (CBI) और महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने मुखर्जी को जमानत देने से इनकार करते हुए बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) के 16 नवंबर 2021 के आदेश को चुनौती देते हुए उसकी याचिका पर सीबीआई तथा राज्य सरकार को नोटिस जारी किए. Punjab: अरविंद केजरीवाल ने कही थी खालिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बनने की बात, कुमार विश्वास का सनसनीखेज आरोप- Video
पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किए जाते हैं. दो हफ्तों में जवाब दिया जाए.’’ मुखर्जी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए. मुखर्जी अगस्त 2015 में गिरफ्तार होने के बाद से मुंबई की भायखला महिला कारागार में बंद है. इस हत्या मामले में मुकदमे की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत ने कई बार मुखर्जी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. मुखर्जी पर अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने का आरोप है.
गौरतलब है कि मुखर्जी, उसके चालक श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना ने अप्रैल 2012 में एक कार में बोरा (24) की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी थी. उसक शव पड़ोसी रायगढ़ जिले के एक जंगल में जला दिया गया था. इस साजिश का हिस्सा होने के आरोप में पूर्व मीडिया उद्योगपति पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया. उसे फरवरी 2020 में उच्च न्यायालय से जमानत मिल गयी. मामले में जेल में बंद रहने के दौरान ही उसने इंद्राणी मुखर्जी से तलाक ले लिया.
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