Maharashtra: शरद पवार को पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए मनाया जाएगा- NCP
शरद पवार (Photo Credits PTI)

मुंबई, चार मई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि शरद पवार द्वारा उनका उत्तराधिकारी चुनने के लिए गठित समिति उनसे पार्टी प्रमुख के पद से दिए गए इस्तीफे को वापस लेने का अनुरोध करेगी. राकांपा ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में किए गए इस दावे का भी खंडन किया कि पवार के फैसले पर ‘आंसू बहाने वाले’ पार्टी के कुछ नेताओं का एक पैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में है. यह भी पढ़ें: Sharad Pawar Resignation: पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा के बाद लगातार दूसरे दिन राकांपा कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे पवार

राकांपा प्रवक्ता महेश तापसे ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी कार्यकर्ता नहीं चाहते कि पवार इस्तीफा दें. शरद पवार (82) ने मंगलवार को मुंबई में अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे संगति’ के अद्यतन संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में राकांपा प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था. उन्होंने अपने उत्तराधिकारी पर फैसला लेने के लिए पार्टी में एक समिति भी गठित की थी.

तापसे ने कहा, “पवार साहेब की ओर से गठित समिति कल (शुक्रवार) इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए बैठक करेगी और उनसे अपना इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध करेगी.” ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय से जुड़े सवाल पर तापसे ने कहा, “पूरी राकांपा एकजुट है और पार्टी 2024 के विधानसभा चुनावों में महा विकास आघाडी (एमवीए) की ज्यादा से ज्यादी सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े करेगी.”

एमवीए के घटक दलों में राकांपा, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस शामिल हैं. यह गठबंधन लगभग ढाई साल तक महाराष्ट्र में सत्ता में था। हालांकि, पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे नीत गुट के बगावत करने और मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने के बाद एमवीए सरकार गिर गई थी. एमवीए के गठन का श्रेय शरद पवार को दिया जाता है.

राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने बुधवार को कहा था कि जब तक शरद पवार के पद छोड़ने की घोषणा पर अंतिम फैसला नहीं हो जाता, तब तक पार्टी प्रमुख के रूप में उनके उत्तराधिकारी को चुनने का सवाल ही नहीं उठता. पटेल ने संवाददाताओं से कहा था कि राकांपा नेताओं और समर्थकों द्वारा पद छोड़ने के फैसले को वापस लेने की अपील किए जाने के बावजूद पवार अपने कदम पर अडिग हैं.

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