नयी दिल्ली, 18 दिसंबर : कांग्रेस ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए तथा देश से माफी मांगनी चाहिए. मुख्य विपक्षी दल और उसके सहयोगी दलों के सदस्यों ने इस विषय को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया और संसद परिसर में भी विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि शाह की टिप्पणी का यह मतलब था कि बाबासाहेब का नाम लेना भी गुनाह है.
उन्होंने कहा, ‘‘अमित शाह जी ने कल सदन (राज्यसभा) में जब बाबासाहेब आंबेडकर जी का नाम लेकर बयान दिया, तब मैंने हाथ उठाकर बोलने की इजाजत मांगी थी. लेकिन मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया. उस समय हम सब सहयोग की भावना से चुपचाप बैठे रहे, क्योंकि हम संविधान पर चर्चा कर रहे थे.’’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के अनुसार, गृह मंत्री ने जिस तरह से बाबासाहेब का अपमान किया, उसे लेकर पूरे विपक्ष ने विरोध जताया है. खरगे ने आरोप लगाया कि अमित शाह और भाजपा के लोगों के दिमाग में जो ‘मनुस्मृति’ और आरएसएस की विचारधारा है, वह दर्शाती है कि वे बाबासाहेब के संविधान का आदर नहीं करते. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने कहा, ‘‘हम शाह की टिप्पणी का पुरजोर विरोध करते हैं. बाबासाहेब का अपमान देश और देशवासी सहन नहीं करेंगे.’’ यह भी पढ़ें : गौहाटी उच्च न्यायालय ने भैंसों एवं बुलबुल की लड़ाई से संबंधित असम सरकार की एसओपी खारिज की
उन्होंने कहा, ‘‘अमित शाह पूरे देश से माफी मांगें और अपने पद से इस्तीफा दें.’’ कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर बुधवार को सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी राज्यों के राजभवनों पर मार्च निकालेंगी. पार्टी के राज्यसभा सदस्य नीरज डांगी ने कहा, ‘‘बाबासाहेब आंबेडकर जी को लेकर जैसी बात की गई, आज उस पर पूरे देश में चर्चा हो रही है. जब अमित शाह जी ने ऐसा बयान दिया, तब मैं खुद सदन में मौजूद था और जब हमने बयान पर आपत्ति जताई तो हमें बोलने नहीं दिया गया.’’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा और अमित शाह की ऐसी सोच दिखाती है कि वे सभी शोषित वर्ग के प्रति सम्मान की भावना नहीं रखते हैं. डांगी ने कहा, ‘‘शाह को देश से माफी मांगनी ही होगी.’’
कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया. मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं , ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर.... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.’’