कोच्चि, 15 जुलाई : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने तेज आवाज में भजन गाने के कारण पड़ोसी की चाकू घोंपकर हत्या करने के जुर्म में एक व्यक्ति को सुनाई उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है. दोषी शख्स ने तेज आवाज में गाना गाने पर बेटी की पढ़ाई में बाधा होने के कारण पड़ोसी की हत्या कर दी थी. उच्च न्यायालय ने इस मामले में सह-आरोपी को बरी करते हुए कहा कि वह हत्या करने का दोषी नहीं है या उसकी मुख्य आरोपी के साथ अपराध को अंजाम देने की साझा मंशा नहीं थी. उसे भी उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी.
न्यायमूर्ति के विनोद चंद्ररन और जियाद रहमान ए ए की पीठ ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण रूप से पीड़ित ने कभी यह कल्पना नहीं की होगी कि अपने घर के बरामदे में खाली वक्त में भजन गाने के कारण उसके असहिष्णु पड़ोसी के हाथों उसका जीवन खत्म हो जाएगा.’’ यह घटना 19 मार्च 2011 की शाम की है जब शशिधरन पिल्लई तेज आवाज में भजन गा रहा था और उसका पड़ोसी चिल्लाते हुए आया कि उसके गाना गाने से उसकी बेटी की पढ़ाई में बाधा हो रही है. यह भी पढ़ें : PM Modi in Varanasi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काम के मुरीद हुए पीएम मोदी, वाराणसी दौरे पर कही यह 7 बड़ी बातें
पड़ोसी दो अन्य लोगों के साथ आया और उनका पिल्लई के साथ झगड़ा हुआ तथा इस दौरान मुख्य आरोपी ने उसे तीन बार चाकू मारा. घटना के संबंध में तीनों को गिरफ्तार किया गया. मुकदमे की सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गयी और बाकी के दो को निचली अदालत ने दोषी ठहराया तथा उम्रकैद की सजा सुनाई. उन्होंने इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी.