नयी दिल्ली, 14 दिसंबर: सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा में बुधवार को सुरक्षा चूक की घटना के मामले में उच्च-स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है और विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे जब शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को सदन में सुरक्षा की चूक संबंधी घटना को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘हम सब सहमत हैं कि कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सदस्यों की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर थी.’’
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने घटना के तत्काल बाद सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई और संसद की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए सबके सुझाव सुने. जोशी ने कहा कि सांसदों के कुछ सुझावों को लागू किया जा चुका है तथा लोकसभा अध्यक्ष ने आज स्वयं कहा है कि सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए भविष्य में और भी कदम उठाए जाएंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मेरे विचार से यह मुद्दा हम सभी से जुड़ा है और हमें एक स्वर में बोलना होगा.’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के राष्ट्रीय मुद्दे पर किसी भी सदस्य से राजनीति की अपेक्षा नहीं की जाती.
जोशी ने 1974 से लेकर 1999 तक सदन में सुरक्षा चूक की कुछ घटनाओं का विवरण देते हुए कहा कि पहले भी दर्शक दीर्घाओं से नारेबाजी, कागज फेंकने और यहां तक कि सदन में कूदने की घटनाएं होती रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन घटनाओं की तुलना कल की घटना से नहीं कर रहा. लेकिन हमें अपने अतीत से सबक सीखना होता है, ताकि भविष्य उज्ज्वल हो.’’ जोशी ने कहा कि पहले भी इस तरह के मामलों में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्षों के निर्देश के अनुसार कार्रवाई की जाती रही हैं. उन्होंने कहा कि बुधवार की घटना के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने गृह सचिव को पत्र लिखकर उच्च-स्तरीय जांच के लिए कहा है और जांच शुरू हो चुकी है.
उन्होंने कहा कि सरकार भी इस मुद्दे पर बहुत ही संवेदनशील है. जोशी ने कहा कि सभी मुद्दों को राजनीतिक रंग देने की कुछ सदस्यों की आदत बन गई है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे निवेदन करता हूं कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करें और सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाएं.’’ संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर बुधवार को एक बड़ी सुरक्षा चूक की घटना में दो व्यक्ति- सागर शर्मा और मनोरंजन डी. शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए. उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस भी छोड़ी। बाद में सांसदों ने उन्हें काबू में किया.
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