नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर बाजार नियामक सेबी ने वैरेनियम क्लाउड और उसके प्रवर्तक एवं प्रबंध निदेशक हर्षवर्धन हनमंत साबले को आईपीओ से जुटाई गई राशि के कथित दुरुपयोग और वित्तीय हेराफेरी की जांच पूरी होने तक प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित करने के अपने निर्देशों की सोमवार को पुष्टि की।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस साल मई में एक अंतरिम आदेश पारित किया था जिसमें वैरेनियम क्लाउड और उसके प्रबंध निदेशक साबले को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
नियामक ने साबले को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या सेबी के पास पंजीकृत किसी मध्यवर्ती कंपनी के निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद पर काम करने से भी रोक दिया था।
अंतरिम आदेश के खिलाफ वैरेनियम ने प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) में अपील दायर की थी। लेकिन कंपनी ने इस आदेश के प्रथम-दृष्टया निष्कर्षों के गुण-दोष पर कोई पक्ष नहीं रखा था।
कंपनी की अपील पर सैट की तरफ से कोई भी आदेश पारित होने का कोई रिकॉर्ड नहीं था।
ऐसी स्थिति में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने अंतरिम आदेश की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अंतरिम आदेश के माध्यम से जारी अंतरिम निर्देशों में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।’’
वैरेनियम क्लाउड पर आरंभिक सार्वजनिक निर्गम और राइट्स इश्यू के जरिये जुटाई गई राशि के दुरुपयोग का आरोप लगा था। इसके अलावा साबले ने संदिग्ध लेनदेन का एक जटिल जाल बुनकर कथित तौर पर वित्तीय हेराफेरी की भी कोशिश की।
नियामक ने सेबी के नियमों के उल्लंघन के लिए इस मामले की जांच की थी। सितंबर 2022 से मार्च, 2024 की अवधि के लिए जांच की गई थी।
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