देश की खबरें | हरियाणा के डीजीपी ने तीन नये आपराधिक कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन पर बैठक की अध्यक्षता की

चंडीगढ़, 15 दिसंबर हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने तीन नये आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन, हिंसक अपराधों पर नियंत्रण तथा नशा मुक्त राज्य अभियान पर चर्चा के लिए रविवार को एक बैठक की अध्यक्षता की।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बैठक में राज्य भर के वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया। वे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए।

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई से प्रभावी हुए और उन्होंने औपनिवेशिक युग के क्रमशः भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान लिया।

कपूर ने तीनों नये कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए हरियाणा को एक मॉडल के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार अगले साल 28 फरवरी तक इन कानूनों को हरियाणा में पूरी तरह लागू किया जाना है।

डीजीपी ने राज्य में नशा उन्मूलन की दिशा में किए कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि हरियाणा को नशा मुक्त बनाना राज्य पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।

उन्होंने कहा कि हालांकि हरियाणा में नशे की समस्या को खत्म करने के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है लेकिन राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए अधिक योजनाबद्ध तरीके से काम करना आवश्यक है।

कपूर ने कहा कि गांवों और वार्ड को नशा मुक्त बनाने के लिए लोगों को नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देना और इन पदार्थों की तस्करी करने वालों पर कार्रवाई करना जरूरी है।

डीजीपी ने कहा कि पुलिस अधीक्षकों को नशीले पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले को ‘‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’’ की नीति अपनाई जानी चाहिए।

कपूर ने अपराध नियंत्रण के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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