मुंबई, 17 सितंबर वैश्विक बाजारों में डॉलर के मजबूत रुख और घरेलू शेयर बाजार के कमजोर रहने के चलते बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे टूटकर 73.66 पर बंद हुआ।
विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के नये दिशानिर्देशों के बाद एशियाई मुद्राएं कमजोर पड़ी हैं। फेडरल रिजर्व ने अपनी दो दिन की नीतिगत समीक्षा बैठक के बाद बुधवार को 2023 तक ब्याज दरों को शून्य के करीब रखने का संकेत दिया। धीमी आर्थिक वृद्धि को संबल देने के लिये यह विचार आया है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में स्थानीय मुद्रा 73.70 के स्तर पर कमजोर रुख के साथ खुली और अंत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 73.66 पर बंद हुई, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 14 पैसे की गिरावट को दर्शाता है।
दिन के कारोबार के दौरान रुपये ने डॉलर के मुकाबले 73.64 के ऊपरी स्तर और 73.78 के निचले स्तर को देखा।
रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 73.52 पर बंद हुआ था।
इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.4 प्रतिशत बढ़कर 93.15 पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार बने हुए हैं और उन्होंने बुधवार को सकल आधार पर 264.66 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.33 प्रतिशत गिरकर 42.08 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर था।
रिलायंस सिक्युरिटीज में वरिष्ठ शोध विश्लेषक श्रीराम अय्यर ने कहा, ‘‘ बृहस्पतिवार को डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर रहा। इसकी वजह बाजार का फेडरल रिजर्व के संकेत को क्षेत्र में संभावित जोखिम से कम आंकना रहा।’’
एचडीएफसी सिक्युरिटीज के खुदरा शोध उप-प्रमुख देवर्श वकील ने कहा कि फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने सुझाव दिया है कि अेकेले केंद्रीय बैंक के करने से कुछ नहीं होगा। अमेरिका की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन की जरूरत है।
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