(तस्वीर सहित)
नयी दिल्ली, 10 दिसंबर राज्यसभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सोरोस और अदाणी के मुद्दों पर जोरदार हंगामा किया, जिसके बाद उच्च सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सदस्यों ने कांग्रेस तथा उसके नेताओं पर विदेशी संगठनों और लोगों के माध्यम से देश की सरकार तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा किया।
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने अदाणी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए इस पर चर्चा कराने की मांग की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
पहली बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक आरंभ हुई तो सभापति जगदीप धनखड़ की अनुमति से सदन के नेता जे पी नड्डा ने कांग्रेस तथा उसके नेताओं पर विदेशी संगठनों और लोगों के माध्यम से देश की सरकार तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश का मुद्दा उठाया।
नड्डा ने कहा कि मीडिया पोर्टल ‘आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) एक ऐसी संस्था है जो भारत को और विभिन्न देशों को अस्थिर करने तथा वहां की संप्रभुता पर चोट पहुंचाने का कुत्सित प्रयास करती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ओसीसीआरपी ने जिन विषयों पर रिपोर्ट की है, उन्हें लोकसभा में विपक्ष के नेता ने उठाकर यह साबित किया है कि वह ‘बाहरी शक्तियों का एक तरह से औजार बनकर देश में अस्थिरता लाने में अपना योगदान दे रहे हैं’।
नड्डा ने ‘फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसेफिक’ का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि इसकी सह-अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी की एक वरिष्ठतम नेता हैं।
उन्होंने कहा कि यह संस्था भारत की संप्रभुता पर तो प्रश्न उठाती ही है, साथ ही साथ जम्मू-कश्मीर को एक अलग देश के रूप में मानती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी संस्थाओं से जुड़ा होना... कांग्रेस पार्टी का ऐसे संस्थानों के साथ संलिप्त होना... कांग्रेस नेतृत्व का ऐसी संस्था का सह अध्यक्ष होना... यह देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है।’’
नड्डा ने कहा कि इस संस्था को आर्थिक रूप से मदद देने का काम उद्योगपति जॉर्ज सोरोस कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का सोरोस से क्या रिश्ता है?’’
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया ने कभी भी उस देश को माफ नहीं किया है जिसने बाहरी शक्तियों को साथ लेकर अपनी संप्रभुता पर आघात किया हो।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आम आदमी के प्रति जवाबदेह है और आज देश का आम नागरिक इस मुद्दे पर सरकार से उसके रूख के बारे में जवाब मांग रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भाजपा गांव, गरीब और आम जनता के साथ खड़ी है।’’
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को आर्थिक जगत में शानदार सफलता मिली है और आज देश इस मामले में 11वें स्थान से पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि तमाम षड्यंत्रों के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश बहुत जल्द तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने वाला है।
उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित होकर आगे बढ़ेगा।
इसके बाद सभापति ने सदन में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी को अपनी बात रखने का अवसर दिया।
तिवारी ने कहा कि सदन के नेता ने जो भी आरोप लगाए हैं, वह गलत, बेबुनियाद और सतही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसका खंडन करते हैं।’’
तिवारी ने कहा कि नड्डा के आरोपों का कोई आधार नहीं है लेकिन उनके पास सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों के आधार हैं।
उन्होंने कहा कि एक अदालत ने संज्ञान लिया है कि 23,000 करोड़ रुपये की रिश्वत भाजपा की सरकार को, इसके अधिकारियों को दी गयी है।
सत्ता पक्ष के सदस्यों के हंगामे के बीच, तिवारी ने कहा, ‘‘अदाणी मुद्दे पर आप चर्चा कराइए। हम अपनी बात रखेंगे और सरकार को पूरा मौका मिलेगा। अदाणी ने 23,000 करोड़ रुपया मोदी सरकार को दिया है।’’
तिवारी जब बोल रहे थे तो उस वक्त कांग्रेस की वरिष्ठ सदस्य सोनिया गांधी भी सदन में मौजूद थीं।
तिवारी अपनी बात रख ही रहे थे तभी द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरुची शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि नड्डा ने अपनी बात रखने के दौरान लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष का उल्लेख किया जो कि नियमों के विरुद्ध है।
उन्होंने सभापति से आग्रह किया कि इन बातों को सदन की कार्यवाही से बाहर किया जाए।
इस पर नड्डा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ पद का उल्लेख किया है और किसी का नाम नहीं लिया है।
धनखड़ ने कहा कि वह बाद में इस संदर्भ में व्यवस्था देंगे।
इसके बाद भी जब हंगामा जारी रहा तो सभापति ने 12 बजकर आठ मिनट पर सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, सुबह 11 बजे बैठक आरंभ होने पर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद धनखड़ ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत सूचीबद्ध कामकाज निलंबित कर चर्चा कराने के लिए विभिन्न मुद्दों पर पांच नोटिस मिले हैं।
धनखड़ अभी नोटिस देने वाले सदस्यों के नाम और उनके मुद्दे का उल्लेख कर ही रहे थे कि आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है और यह बेहद गंभीर मुद्दा है।
सभापति ने सिंह को टोकते हुए कहा कि पहले उन्हें नोटिस पढ़ लेने दें।
इसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर शोरगुल और हंगामा करने लगे।
हंगामे के बीच ही तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। सभापति ने उन्हें अपनी बात कहने की अनुमति दी। ओब्रायन अपनी बात रखने के लिए खड़े ही हुए थे कि दोनों पक्षों की ओर से हंगामा बढ़ता देख धनखड़ ने 11 बजकर 16 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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