मुंबई, 25 अगस्त: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को भुगतान प्रणाली की सुरक्षा को और मजबूत बनाने इरादे से टोकन व्यवस्था के दायरे में लैपटॉप, डेस्कटॉप, हाथ घड़ी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित उत्पादों आदि को शामिल किया. टोकन व्यवस्था (टोकनाइजेशन) का मकसद भुगतान प्रणाली की सुरक्षा को और मजबूत बनाना है. इस व्यवस्था के तहत वास्तविक कार्ड ब्योरा के बजाए अनूठा वैकल्पिक कोड ब्योरा सृजित होता है, जिसे टोकन कहा जाता है. यह कार्ड, टोकन अनुरोधकर्ता तथा चिन्हित उपकरणों के मेल वाला टोकन होता है. इससे पहले, आरबीआई ने कार्डधारक के मोबाइल फोन और टैबलेट पर टोकन व्यवस्था की अनुमति दी थी. इसके तहत लेन-देन के लिये एक वैकल्पिक कोर्ड सृजित होता है.
आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘व्यवस्था की समीक्षा और विभिन्न पक्षों से मिले सुझाव को देखते हुए टोकन व्यवस्था के दायरे में उपभोक्ता उपकरणों... लैपटॉप, डेस्कटॉप, हाथ घड़ी, बैंड और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित उत्पादों आदि को शामिल करने का निर्णय किया गया है.’’
इस पहल से उपयोगकर्ताओं के लिये कार्ड के जरिये लेन-देन अधिक सुरक्षित होगा.
यह भी पढ़ें- RBI Foundation Day: जानिए, कैसे वजूद में आया भारतीय रिजर्व बैंक
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने 2019 में कार्ड लेन-देन की टोकन व्यवस्था पर दिशानिर्देश जारी किया था। इसके तहत अधिकृत कार्ड नेटवर्क को अनुरोध पर टोकन सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी गयी। यह कुछ शर्तों पर निर्भर है.
इस परिपत्र से पहले, यह सुविधा केवल मोबाइल फोन और टैबलेट के लिये ही उपलब्ध थी.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)