वाशिंगटन, 18 अक्टूबर : अमेरिका में एक भारतीय रॉ अधिकारी पिछले साल गर्मियों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश की राजकीय यात्रा के दौरान एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश में शामिल था. संघीय अभियोजकों ने बृहस्पतिवार को न्यूयॉर्क की एक अमेरिकी अदालत में दायर एक अभियोग में यह आरोप लगाया. संघीय अभियोजकों ने दावा किया कि अधिकारी की पहचान 39 वर्षीय विकास यादव के रूप में हुई है. यादव कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था जहां भारत की विदेशी खुफिया सेवा अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ) का मुख्यालय है. यादव अब सरकारी कर्मचारी नहीं है. उस पर तीन आरोप लगाए गए हैं, जिनमें भाड़े के अपराधियों की मदद से हत्या को अंजाम देने का प्रयास और धन शोधन की साजिश शामिल है. न्याय विभाग ने कहा कि यादव ‘‘अब भी फरार है’’. उसके साथ इस साजिश में शामिल सह-आरोपी निखिल गुप्ता को पिछले वर्ष चेकोस्लोवाकिया में गिरफ्तार किया गया था तथा प्रत्यर्पण के बाद वह अमेरिकी जेल में बंद है.
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड ने कहा, ‘‘आज के आरोप दर्शाते हैं कि न्याय विभाग अमेरिकियों को निशाना बनाने और उन्हें खतरे में डालने तथा प्रत्येक अमेरिकी नागरिक के अधिकारों को कमजोर करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा.’’ एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा, ‘‘आरोपी एक भारतीय सरकारी कर्मचारी है. उसने कथित तौर पर एक आपराधिक सहयोगी के साथ मिलकर साजिश रची और संविधान के प्रथम संशोधन अधिकारों का प्रयोग कर अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या का प्रयास किया.’’ भारत सरकार ने अमेरिकी धरती पर किसी अमेरिकी नागरिक की हत्या की ऐसी किसी साजिश में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है. अमेरिका के आरोपों के बाद भारत ने मामले की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की थी. अमेरिका ने इस मामले में भारत के सहयोग पर संतोष जताया है. यह भी पढ़ें : किम जोंग उन ने अपने सैनिकों से द. कोरिया को शत्रु राष्ट्र के रूप में देखने को कहा
An Indian citizen, #VikashYadav, has been charged with directing a plot to murder pro-Khalistan and Sikhs for Justice chief, Gurpatwant Singh Pannun, in New York last year. Mr Pannun is an India-designated terrorist who is a U.S. citizen, @slakster reportshttps://t.co/Y4bQXjDsk9 pic.twitter.com/ncLjArY0dK
— The Hindu (@the_hindu) October 18, 2024
अदालत में दूसरा अभियोग पत्र पेश करने का काम इन मुद्दों पर संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई), न्याय मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक अंतर-एजेंसी टीम के साथ बैठक के लिए यहां भारतीय जांच समिति के आने के 48 घंटे के भीतर हुआ है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘हम सहयोग से संतुष्ट हैं. यह एक सतत प्रक्रिया है. हम उनके साथ इस पर काम करना जारी रखते हैं, लेकिन हम सहयोग की सराहना करते हैं और हम उनकी जांच के बारे में हमें अद्यतन करते रहने की सराहना करते हैं, जैसा कि हम उन्हें अपनी जांच के बारे में अद्यतन करते हैं.’’ मिलर ने कहा, ‘‘कल हुई बैठक में हमने जांच समिति के सदस्यों को अमेरिका द्वारा की जा रही जांच के बारे में जानकारी दी. हमें उनके द्वारा की जा रही जांच के बारे में जानकारी मिली है. यह एक सार्थक बैठक थी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने हमें बताया कि जिस व्यक्ति का नाम न्याय विभाग के अभियोग में था, अब वह भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है.’’ बृहस्पतिवार को जारी 18 पन्नों के अभियोग पत्र में यादव की सैन्य पोशाक में एक तस्वीर है और न्यूयॉर्क में एक कार में दो व्यक्तियों द्वारा डॉलर का आदान-प्रदान करने की तस्वीर भी है, जिसके बारे में संघीय अभियोजकों कहना है कि इस तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति गुप्ता और यादव की ओर से न्यूयॉर्क में सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए कथित हत्यारे को पैसे दे रहा था. तस्वीर नौ जून, 2020 की है. अभियोग पत्र में अमेरिकी नागरिक एवं सिख अलगाववादी का नाम नहीं लिखा गया है.
न्याय मंत्रालय द्वारा अभियोग जारी किए जाने के बाद अलगाववादी ‘सिख फॉर जस्टिस’ के महाधिवक्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक बयान में कहा, ‘‘रॉ अधिकारी विकास यादव पर ‘‘भाड़े की हत्या’’ की साजिश का आरोप लगाकर अमेरिकी सरकार ने देश और विदेश में अमेरिकी नागरिकों के जीवन, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने के मौलिक संवैधानिक कर्तव्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया है.’’
अभियोग में आरोप लगाया गया है कि यादव ने निखिल गुप्ता के साथ मिलकर 2023 की गर्मियों में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश रची थी. गुप्ता ने भाड़े पर एक व्यक्ति को इस हत्या को अंजाम देने का काम सौंपा था. अज्ञात व्यक्ति एफबीआई का मुखबिर था, जिसने इस काम के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर मांगे थे और नौ जून, 2023 को अग्रिम भुगतान के रूप में उसे 15,000 अमेरिकी डॉलर मिले थे. यह सारा घटनाक्रम तब का है जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी को 22 जून को ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर आमंत्रित किया था. अभियोग के अनुसार, यादव ने गुप्ता और किराए के हत्यारे को राजकीय यात्रा से ठीक पहले या उस दौरान काम नहीं करने के लिए कहा था. अभियोग के अनुसार, अमेरिकी सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश और उसी अवधि के दौरान कनाडा में एक अन्य सिख अलगाववादी निज्जर की हत्या के बीच संबंध था. संघीय अभियोजकों ने दोनों घटनाओं पर यादव, गुप्ता और कथित हत्यारे के बीच हुए संचार को साझा किया है.