'एक भारत श्रेष्ठ भारत' का संकल्प समृद्ध करने का मार्ग प्रशस्त करेगा रामनाथ स्वामी मंदिर: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ
CM Yogi Adityanath | PTI

अयोध्या, 5 सितंबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में रामनाथ स्वामी मंदिर की स्थापना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के संकल्प को समृद्ध करने वाला प्रयास बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि संपूर्ण भारत एक है और इस संकल्प के साथ आध्यात्मिक चेतना बढ़ रही है एवं मौजूदा प्रयास भी इसी की एक कड़ी है.

मुख्यमंत्री ने अयोध्या में रामनाथ स्वामी मंदिर में आयोजित महाकुंभाभिषेक एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लिया और दक्षिण भारतीय शैली के इस मंदिर में नवस्थापित महादेव के शिवलिंग की आरती के साथ-साथ प्रदक्षिणा भी की. आदित्यनाथ ने रामनाथ स्वामी मंदिर की स्थापना को 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के संकल्प को समृद्ध करने वाला प्रयास बताया. उन्होंने कहा, ''अयोध्या धाम और तमिलनाडु का विशेष रिश्ता है. ये हजारों वर्षों की परंपरा है. हजारों वर्ष पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जब माता सीता की खोज में श्रीलंका की ओर जा रहे थे तो तमिलनाडु के रामेश्वरम में अपने आराध्य भगवान शिव की अराधना की थी.'' यह भी पढ़ें : पीएम मोदी ने सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से की मुलाकात, कहा – उनसे मिलकर हमेशा खुशी होती है

उन्होंने कहा, ‘‘संपूर्ण भारत एक है, इस संकल्प के साथ आध्यात्मिक चेतना बढ़ रही है. मौजूदा प्रयास भी इसमें एक कड़ी है. हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं जो यहां भी देखने को मिल रहा है. भारत उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरब से लेकर पश्चिम तक एक रहा है. हमारे शास्त्र एवं धर्मस्थल इस बात के प्रमाण हैं. सरकारें (भले ही) अलग-अलग रही हों, मगर भारत के संतों की परंपरा ने (देश को) मजबूती प्रदान की है.’’ मुख्यमंत्री ने वाराणसी में आयोजित 'काशी तमिल संगमम्' का उदाहरण देते हुए कहा कि काशी में तमिल संगमम् के दो संस्करण पूरे हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि आज यहां अय्या जी की मौजूदगी के कारण काशी के बाद अयोध्या धाम भी तमिलनाडु से जुड़ चुका है.

उन्होंने कहा, ''एक ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद राष्ट्र को जोड़ने का काम कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग ओछी राजनीति के लिए देश को बांटने की कोशिश कर रहे है. ऐसे में, मंदिर स्थापना का यह कार्यक्रम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को प्रशस्त करता है. अय्या जी भारत की एकात्मता के लिए वही कार्य कर रहे हैं जो तमिलनाडु से निकले एक संन्यासी ने सैंकड़ों वर्ष पहले पूरे सनातन धर्म को एक सूत्र में पिरोने के वास्ते किया था.'' इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सर कार्यवाहक सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि दक्षिण भारतीय शैली के रामनाथ स्वामी मंदिर की स्थापना ने उत्तर और दक्षिण को जोड़ने का काम किया है, जिसका माध्यम भगवान शिव एवं प्रभु श्रीराम बने हैं.