जयपुर, पांच जनवरी राजस्थान सरकार ने सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के लिए पहली बार सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर्स’ के लिए नव प्रसारक नीति जारी की है।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी इस नीति में नव प्रसारकों के लिए दो श्रणियां बनाई गई हैं। श्रेणी ‘ए’ में एक लाख से अधिक ‘सब्सक्राइबर’ अथवा ‘फॉलोअर्स’ वाले सोशल मीडिया ‘इनफ्लुएंसर्स’ को और श्रेणी ‘बी’ में न्यूनतम सात हजार से एक लाख तक ‘सब्सक्राइबर’ अथवा ‘फॉलोअर्स’ वाले सोशल मीडिया ‘इनफ्लुएंसर्स’ को रखा गया है।
एक सरकारी बयान के अनुसार जिला स्तर पर प्रत्येक श्रेणी में एक-एक नव प्रसारक और संभाग स्तर पर श्रेणी ‘ए’ में दो एवं ‘बी’ में एक नव प्रसारक का चयन किया जाएगा।
नव प्रसारक ‘फेसबुक’, ‘एक्स’, ‘इंस्टाग्राम’ और ‘यूट्यूब’ में से अपने कम से कम दो सोशल मीडिया अकाउंट्स पर राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और निर्णयों से संबंधित एक पोस्ट प्रतिदिन ‘अपलोड’ करेंगे।
साथ ही, सरकार के विभिन्न सोशल मीडिया ‘हैंडल्स’ के पोस्ट्स को प्रतिदिन ‘शेयर’ अथवा ‘री-पोस्ट’ कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे।
विभाग इन ‘इन्फ्लुएंसरों’ को विषय सामग्री निर्माण, वीडियो और ऑडियो संपादन, एसईओ, सोशल मीडिया प्रबंधन और ब्रांडिंग कौशल में प्रशिक्षण देकर सहायता करेगा।
बयान के अनुसार "उन्हें इन कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपने प्लेटफार्मों पर सरकारी सामग्री को साझा करने या फिर से पोस्ट करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।"
राजस्थान भर में कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने में सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर्स’ को शामिल करने के लिए राज्य बजट 2024-25 में नीति की घोषणा की गई थी।
कुंज
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