जयपुर, 20 अक्टूबर राजस्थान सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल से पहले बुधवार रात को राज्य पथ परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) पर राजस्थान आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (रेस्मा) लगा दिया। इसके तहत तीन महीने की अवधि के लिये आरएसआरटीसी की सेवाओं को सबसे आवश्यक सेवाओं के रूप में घोषित किया गया है।
रोडवेज कर्मचारियों ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, नयी भर्तियां, दीपावली पर अनुग्रह राशि सहित विभिन्न मांगों को लेकर 27 अक्टूबर को हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी।
गृह विभाग ने राजस्थान आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए आरएसआरटीसी की सेवाओं को सबसे आवश्यक घोषित करने के आदेश जारी किये है। इसके तहत प्रस्तावित हड़ताल को भी प्रतिबंधित कर दिया है।
हड़ताल का आह्वान उस दिन किया गया था जब राजस्थान प्रशासनिक सेवा भर्ती परीक्षा (प्रारंभिक) 2021 आयोजित की जायेगी और राज्य सरकार ने परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को मुफ्त यात्रा की घोषणा की है। इसके साथ ही सरकार ने 23 और 24 अक्टूबर को होने वाली पटवारी परीक्षा के उम्मीदवारों को भी निशुल्क यात्रा की घोषणा की है।
इससे पूर्व दिन में रोडवेज कर्मचारियों ने राज्यभर में रोडवेज कार्यालयों पर प्रदर्शन किया।
जयपुर में संयुक्त मोर्चा के संयोजक एम एल यादव ने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है, इसलिये 27 अक्टूबर को एक दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया गया है।
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